यहां रवि व बोरो दोनों तरह की फसलों के लिए पानी की कमी नहीं होगी. चालू वित्तीय वर्ष में और तीन लाख एकड़ जमीन पर सिंचाई की व्यवस्था की जायेगी. इसमें से करीब एक लाख एकड़ जमीन जंगलमहल क्षेत्र में होगी. श्री बनर्जी ने कहा कि नोटबंदी के कारण किसानों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. इसके मद्देनजर ही राज्य सरकार सिंचाई की व्यवस्था कर रही है, ताकि किसानों को फसल के लिए पानी की कमी ना हो.
सिंचाई मंत्री ने कहा कि विश्व बैंक ने राज्य सरकार की उस परियोजना को मंजूरी दे दी है, जिसके तहत दामोदर नदी व उसके नहरों में डी-सिल्टेशन का कार्य किया जायेगा. इस योजना का काम पूरा होने के बाद हावड़ा, हुगली, बांकुड़ा व बर्दवान जिले में बाढ़ की समस्या खत्म हो जायेगी. उन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि पहले केंद्र सरकार किसी भी योजना पर 75 फीसदी राशि देती थी, लेकिन अब स्थिति उलट गयी है. केंद्र सरकार अब योजना का मात्र 25 प्रतिशत राशि दे रही है. राज्य को 75 प्रतिशत देना पड़ रहा है.