इसके साथ ही पंचायत चुनाव को लेकर रूप-रेखा तैयार की जायेगी. गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों में पार्टी का अंतरविवाद बढ़ता ही जा रहा है. कॉलेज चुनाव में आपसी विवाद, शिक्षकों के साथ मारपीट, पूर्व मंत्री अब्दुल करीम चौधरी का पार्टी से बहिष्कार, कनाईलाल अग्रवाल से विवाद जैसी घटनाओं को लेकर मुख्यमंत्री काफी चिंतित हैं.
इसलिए मार्च की शुरूआत में ही मुख्यमंत्री ने पार्टी की कोर कमेटी की बैठक बुलायी है. इस बैठक में उत्तर बंगाल में संगठन के विकास पर विशेष जोर दिया जायेगा. संगठन को मजबूत करने के लिए तृणमूल कांग्रेस सांसद अभिषेक बनर्जी एक बार फिर मैदान में उतर सकते हैं. गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के निर्देश पर दो अप्रैल के बाद अभिषेक बनर्जी जनसभा को संबोधित करेंगे. वहीं, वर्ष 2018 में होनेवाले पंचायत चुनाव के पहले राज्य में भाजपा की बढ़ती ताकत से तृणमूल कांग्रेस काफी चिंतित है. इसलिए पंचायत चुनाव के लिए तृणमूल कांग्रेस अभी से ही मैदान में उतरना चाहती है. इसके साथ तृणमूल छात्र परिषद में भी नेताओं को बदला जा सकता है. तृणमूल छात्र परिषद की अध्यक्ष जया दत्त को हटाया जायेगा या नहीं, इसे लेकर हलचल शुरू हो गयी है.