विशेष जरूरत के बच्चों के लिए नियुक्त करने का प्रस्ताव
टेट 2016 के नतीजों के बाद स्कूलों में भर्ती की प्रक्रिया शुरू हो रही
कोलकाता : टेट (प्राइमरी) के नतीजों के बाद अब प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति होगी. कई स्कूलों में शिक्षकों के पद रिक्त हैं. इस क्रम में राज्य के शिक्षक संगठनों ने सरकार से मांग की है कि सरकारी अनुदान प्राप्त स्कूलों में विशेष जरूरत के बच्चों के लिए स्पेशल एजुकेटर्स के रूप में प्रशिक्षित परीक्षार्थियों को पहले नियुक्ति किया जाये. सामान्य शिक्षकों के अलावा दिव्यांग बच्चों के लिए स्पेशल एजुकेटर्स की ज्यादा जरूरत है.
हरेक स्कूल में इस तरह के दो-तीन या चार बच्चे हैं, लेकिन सरकार की ओर से उनके लिए कोई व्यवस्था नहीं है. अब टेट 2016 के नतीजों के बाद स्कूलों में भर्ती की प्रक्रिया शुरू हुई है. विशेष जरूरत (स्पेशल नीड्स) के बच्चों की जरूरतों व मानसिकता को समझना सामान्य शिक्षक के बस की बात नहीं है. इसके लिए एक विशेष ट्रेनर की जरूरत है.
विशेष ट्रेनर के रूप में ऐसे शिक्षकों को प्राथमिकता दी जाये, जो इसमें योग्य हैं. उनकी शीघ्र नियुक्ति करने की अपील की गयी है. कुछ शिक्षकों का कहना है कि इसमें पहले प्रशिक्षित शिक्षकों को ही नियुक्त किया जायेगा. बाद में अप्रशिक्षित शिक्षकों को सामान्य शिक्षक के रूप में मेधा के आधार पर रखा जायेगा. स्कूलों में भी इस समस्या को लेकर शिक्षक व हेडमास्टर काफी सचेत हो गये हैं.
इस विषय में हावड़ा विद्यालय के हेडमास्टर ने बताया कि दिव्यांग बच्चों के लिए सर्व शिक्षा मिशन की ओर से आठ-दस सर्किल में एक शिक्षा बन्धु रखा गया है. शिक्षा बन्धु के रूप में एक ट्रेनर विशेष जरूरत के बच्चे व पैरेंट्स की काउंसलिंग करते हैं या उनसे मिलकर उनकी समस्या जानने की कोशिश करते हैं. ये शिक्षा बन्धु अस्थायी होते हैं. स्कूल में स्थायी शिक्षकों की अावश्यकता है.