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महिलाओं को टैक्स स्लैब में मिले ज्यादा छूट

आगामी एक फरवरी को केन्द्रीय आम बजट पेश किया जायेगा. बजट को लेकर महिलाओं की अलग-अलग प्रतिक्रिया है. कुछ महिलाओं का कहना है कि आम आदमी की आवश्यक जरूरतों की चीजों का दाम नहीं बढ़ना चाहिए. नोटबंदी के बाद वैसे ही लोगों की स्थिति बिगड़ी हुई है. कम से कम प्रतिदिन की जरूरत का सामान […]

आगामी एक फरवरी को केन्द्रीय आम बजट पेश किया जायेगा. बजट को लेकर महिलाओं की अलग-अलग प्रतिक्रिया है. कुछ महिलाओं का कहना है कि आम आदमी की आवश्यक जरूरतों की चीजों का दाम नहीं बढ़ना चाहिए. नोटबंदी के बाद वैसे ही लोगों की स्थिति बिगड़ी हुई है.
कम से कम प्रतिदिन की जरूरत का सामान वाजिब दाम पर मिलना चाहिए. कुछ शिक्षित महिलाओं का कहना है कि देश के वित्त मंत्री बजट में महिला ओरियेन्टेड योजना जैसे टैक्स स्लैब में छूट व एफडी पर महिलाओं को ऊंची दर से ब्याज देने की घोषणा करे, तो उनको खुशी होगी. जानते हैं बजट से महिलाओं की क्या उम्मीदें हैं :
टैक्स स्लैब में अभी तक जो महिलाओं को छूट मिली हुई है, उसमें कुछ विस्तार करना चाहिए, ताकि लघु स्तर पर अन्य कई महिलाएं भी अपना बिजनेस आगे बढ़ा सकें. पूरे देश में महिलाओं के लिए मेडिकल सुविधाओं का भी विस्तार बजट में करने की घोषणा हो.
-कविता अरोड़ा, (हिंदी शिक्षिका, हेरीटेज)
बजट ऐसा हो, जिसमें सभी वर्ग के लिए कुछ फायदा हो. रेस्टोरेंट में खाना सस्ता होना चाहिए, ताकि मध्यवर्गीय लोग जाकर खाना खा सकें. रोज के हिसाब से सब्जी व दालें भी सस्ती होनी चाहिए.
-सुनीता बेहरानी (होममेकर)
नोटबंदी के बाद सभी महिलाओं के घर का बजट बिगड़ गया है. अाम गृहिणियों के लिए सब्जियां, अनाज व एलपीजी की कीमत ज्यादा नहीं बढ़नी चाहिए, जिनकी आय सीमित है. उनको कीमत बढ़ने से फिर से परेशानी हो सकती है. प्राइवेट स्कूल में भी शिक्षा मध्यवर्गीय परिवार के लिए किफायती होनी चाहिए.
– मधुश्री शर्मा (रिसर्च स्कॉलर)
नोटबंदी के बाद देश में काफी बदलाव आया है. सरकार ने घर में पड़े सोने के आभूषणों को घोषित करने की बात कही है. यह महिलाओं के लिए पीड़ादायी है. कई महिलाओं के पास उनके पुश्तैनी गहने हैं, जिससे उनका काफी गहरा रिश्ता व पारिवारिक भावनाएं जुड़ी हुई हैं. उस दुर्लभ ज्वेलरी को वे बेच नहीं सकती हैं, क्योंकि उससे पीढ़ियां जुड़ी हुई हैं. इसको काला धन नहीं बोल सकते. हां, जिनके पास हिसाब से ज्यादा सोना या धन है, उनके लिए यह नियम ठीक है. बजट में महिलाओं को पुश्तैनी आभूषणों को संरक्षित करने की छूट या रियायत मिलनी चाहिए.
-मृदु चमरिया (सामाजिक कार्यकर्ता)
आम आदमी की आवश्यक जरूरतों की चीजों का दाम नहीं बढ़ना चाहिए. नोटबंदी के बाद वैसे ही लोगों की स्थिति बिगड़ी हुई है. कम से कम प्रतिदिन की जरूरत का सामान वाजिब दाम पर मिलना चाहिए. महंगाई से सबसे ज्यादा परेशानी महिलाओं को झेलनी पड़ती है. बाजार में अक्सर झगड़े हो जाते हैं.
-कामिनी मिश्र (गृहिणी)

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