उक्त बातें बुधवार को रोटरी सदन में यूएस काैंसुलेट जनरल (कोलकाता) व विक्रमशिला एजुकेशन रिसोर्स सोसायटी के सहयोग से आयोजित एक कार्यक्रम में राज्य की बाल व महिला कल्याण मंत्री डॉ शशि पांजा ने कहीं.
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लड़कियों के सशक्तीकरण में अंगरेजी संवाद क्षमता अहम
कोलकाता. शिक्षा व प्रशिक्षण के जरिये लड़कियों को सशक्त किया जा सकता है. शिक्षित लड़कियां पूरे समाज व राष्ट्र को सशक्त कर सकती है. लड़कियों को सशक्त करने के लिए राज्य सरकार ने स्कूलों में भी कई प्रशिक्षण कार्यक्रम जैसे कराटे व वोकेशनल ट्रेनिंग शुरू की है. लड़कियों के सशक्तीकरण में भाषा व संवाद क्षमता […]
कोलकाता. शिक्षा व प्रशिक्षण के जरिये लड़कियों को सशक्त किया जा सकता है. शिक्षित लड़कियां पूरे समाज व राष्ट्र को सशक्त कर सकती है. लड़कियों को सशक्त करने के लिए राज्य सरकार ने स्कूलों में भी कई प्रशिक्षण कार्यक्रम जैसे कराटे व वोकेशनल ट्रेनिंग शुरू की है. लड़कियों के सशक्तीकरण में भाषा व संवाद क्षमता भी एक महत्वपूर्ण विकल्प है. आज के दाैर में ग्लोबल लैंग्वेज अंग्रेजी का महत्वपूर्ण स्थान है, इससे लड़कियों को आगे बढ़ने का अवसर मिलेगा.
उन्होंने कहा कि हर भाषा का अपना एक महत्व है लेकिन भूमंडलीकरण के इस दाैर में इंगलिश स्पीकिंग की काफी मांग है. विश्व के कई देशों में अंगरेजी बोली जाती है. यूएस काैंसुलेट जनरल (कोलकाता) व विक्रमशिला एजुकेशन रिसोर्स सोसायटी के सहयोग से, जिस तरह से 21 दिन की लड़कियों को ट्रेनिंग दी गयी है या उनकी ग्रूमिंग की गयी, इससे उनका काफी आत्मविश्वास बढ़ेगा. कार्यक्रम में एससीपीसीआर की चेयरपर्सन अनन्या चक्रवर्ती ने कहा कि लड़कियों में आगे बढ़ने की बहुत क्षमता है, उनको सही दिशा की जरूरत है. कम पढ़ी-लिखी आैरतें भी सही प्रशिक्षण के जरिये आगे जा सकती हैं. अपने जीवन में उन्होंने देखा है कि अपने आत्मबल के दम पर आंध्र प्रदेश की दलित अशिक्षित आैरतों ने भी अपनी जीवन-कहानी के ऊपर एक फिल्म बना डाली. इन लड़कियों में भी अपार संभावनाएं हैं.
कार्यक्रम में डांसर व सामाजिक कार्यकर्ता आलोकानंदा राय ने कहा कि कल्चर थेरेपी के जरिये कैदियों के जीवन में भी सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है. इसी प्रयास में वे लगी हैं. यूएस काैंसुलेट जनरल (कोलकाता) व विक्रमशिला एजुकेशन रिसोर्स सोसायटी के सहयोग से स्कूल व कॉलेज की कुछ चुनिंदा लड़कियों को 21 दिन की ट्रेनिंग दी गयी. इसकी जानकारी देते हुए विक्रमशिला सोसायटी की डाइरेक्टर शुभ्रा चटर्जी ने कहा कि इस कार्यशाला में लड़कियों के लिए लाइफ स्किल्स एंड करियर रैडीनेस कैम्प का आयोजन किया गया. इस सत्र में विशेषज्ञों द्वारा लड़कियों को बिजनेस इंगलिश, एैनेलिटीकल एंड क्रिटिकल थिंकिंग स्किल्स, इंटीग्रेटेड आइसीटी स्किल्स, करियर गोल सेटिंग व जॉब ओरियेन्टेशन प्रशिक्षण दिया गया. इस सत्र के जरिये लड़कियों को अपनी बात रखने की कला, जीवन की चुनाैतियों को स्वीकार करने व अपने सपनों को पूरा करने के हुनर को विकसित किया गया. इस वर्कशॉप में भाग लेने वाली लड़कियों द्वारा तैयार 4 डॉक्यूमेन्ट्री फिल्मों का प्रदर्शन रोटरी सदन में किया गया.
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