इस सबस्टेशन को फरक्का और पूर्णिया से जोड़ा जा रहा है, जिससे ना सिर्फ फरक्का व सागरदीघि ताप विद्युत केंद्र से बिजली प्राप्त की जायेगी, बल्कि इसके साथ ही पूर्वोत्तर जल विद्युत केंद्रों से भी बिजली प्राप्त होगी. इस सबस्टेशन को स्टेट ऑफ द आर्ट के तहत गैस इंसुलेटेड स्विचगियर (जीआइएस) प्रौद्योगिकी से स्थापित किया जा रहा है, जिसमें परंपरागत सबस्टेशन की तुलना में एक चौथाई भूमि की आवश्यकता होती है. जीआइएस प्रौद्योगिकी सुरक्षित, विश्वसनीय है और इसके लिए रखरखाव की भी आवश्यकता कम होती है.
जापान, ब्रिटेन, चीन, रूस, अमेरिका आदि देशों में इसी तकनीक से बिजली की आपूर्ति होती है और इससे पांच हजार वोल्ट तक बिजली आपूर्ति की जा सकती है. भारत में भी 30 से अधिक उच्च वोल्ट जीआइएस प्रतिष्ठान तिथि के आधार पर काम कर रहे हैं. कंपनी ने विज्ञप्ति के माध्यम से कहा है कि पश्चिम बंगाल सरकार ने इस महत्वपूर्ण परियोजना के जल्दी पूरा करने के लिए हर प्रकार का समर्थन किया है. परियोजना के फायदे को ध्यान में रखते हुए पावरग्रिड सभी हितधारकों से सहयोग करने का आवेदन करता है.