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अल्टरनेटिव मेडिसिन में बढ़ रहा युवाओं का रुझान
कोलकाता. आज के दौर में जहां एक ओर एलोपैथी चिकित्सका सफलता की शीर्ष पर है, वहीं दूसरी ओर अल्टरनेटिव मेडिसीन के क्षेत्र में युवाओं का रुझान बढ़ रहा है. युवा वर्ग के लोग योग व ध्यान में काफी रुचि दिखा रहे थे. दुनिया भर में ध्यान पर काफी रिसर्च भी हुए हैं. ध्यान के जरिए […]
कोलकाता. आज के दौर में जहां एक ओर एलोपैथी चिकित्सका सफलता की शीर्ष पर है, वहीं दूसरी ओर अल्टरनेटिव मेडिसीन के क्षेत्र में युवाओं का रुझान बढ़ रहा है. युवा वर्ग के लोग योग व ध्यान में काफी रुचि दिखा रहे थे. दुनिया भर में ध्यान पर काफी रिसर्च भी हुए हैं.
ध्यान के जरिए कई मनोरोग तथा शारिरीक समस्याओं को दूर किया जा सकता है. पहले ध्यान को भगवान प्राप्ति के लिए माना जाता था लेकिन अब वो बात नहीं. यह बातें इंडियन बोर्ड ऑफ अल्टरनेटिव मेडिसिन के अध्यक्ष डॉ सुरेश कुमार अग्रवाल ने कहीं. वे बोर्ड के 28वें अतंराष्ट्रीय सम्मेलन व दीक्षांत समारोह में बोल रहे थे. इस कार्यक्रम में अल्टनेटिव मेडिसिन के क्षेत्र में काम करनेवाले करीब 25 देशों के प्रोफेसरों व डॉक्टरों ने हिस्सा लिया. उन्होंने बताया कि एलोपैथी चिकित्स कहीं ज्यादा सुरक्षित अल्टरनेटिव मेडिसिन है.
इस पद्धति के जरिए काफी कम दवाओं का उपयोग किया जाता है जिसमें साइड इफेक्ट की संभावना नहीं रहती है. उन्होंने बताया कि इस चिकित्सका पद्धति में विशेष कर योग, व्यायाम तथा ध्यान पर जोर दिया जाता. उन्होंने बताया कि मधुमेह, हृदय जनित बीमरियां, रक्तचाप सहित कई असाध्य बीमारियों को इस चिकित्सका पद्धति से बेहतर तरीके से ठीक व नियंत्रित रखा जा सकता है. इस कार्यक्रम में असम विश्वविद्यालय के पूर्व वीसी सुभाष चंद्र साह, प्रो. डॉ सुरेश प्रसाद सिंह, मौलाना सैयद अतहर अब्बास रिजवी सहित अन्य गण मान्य उपस्थित थे.
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