कोलकाता. नाइटफ्रैंक इंडिया ने अपने प्रमुख छमाही रिपोर्ट – इंडिया रीयल एस्टेट के छठे संस्करण काे लांच किया. रिपोर्ट के अनुसार जुलाई-दिसंबर 2016 (एच 2 2016) की अवधि के दौरान कोलकाता के आवासीय बाजार सुस्ती का आलम जारी रहते हुए वर्ष 2015 की तुलना में 2016 में नये लांच में 8% की गिरावट दर्ज की गयी है, साथ ही वित्तीय वर्ष के आधार के आधार पर बिक्री में भी 14% की गिरावट आयी है.
इस संबंध में, डॉ सामंतक दास, मुख्य अर्थशास्त्री व राष्ट्रीय निदेशक-रिसर्च, नाइट फ्रैंक इंडिया ने कहा कि विमुद्रीकरण की घोषणा के बाद 2016 की चौथी तिमाही में बाजार परिदृश्य बदल गया है. इसकी वजह से डेवलपर्स और खरीदार किसी भी संपत्ति से संबंधित निर्णय लेने से परहेज कर रहे हैं. बिक्री की मात्रा में गिरावट मुख्य रूप से वर्ष की दूसरी छमाही में इस घोषणा के बाद दर्ज की गयी है. छमाही आधार पर, एच 2 2015 की तुलना में एच 2 2016 के दौरान नये लॉन्च में 15% गिरावट जबकि बिक्री 20% की गिरावट देखी गयी.
महत्वपूर्ण परिणाम
छमाही के आधार पर, एच2 2016 के दौरान 15 % की गिरावट आयी है, जबकि एच2 2015 की तुलना में विक्रय में 20% की गिरावट दर्ज की गयी है.
एच2 2016 के दौरान भारित औसत कीमत स्थिर बनी हुई है, हालांकि तथ्य यह है कि नये लॉन्च और बिक्री में कमी के बावजूद बाजार में स्थिरता है.
एच2 2016 के दौरान राजारहाट में सबसे अधिक नये आवासीय इकाइयों की लांचिंग हुई है, जिसका शेयर कुल नये लांच का लगभग 40% है. विक्रय की मात्रा के संदर्भ में, यह एच 2 2016 में कुल बिक्री का 35% हिस्सेदारी है.
दक्षिण कोलकाता में एच2 2015 में कुल नये लांच में 27% व विक्रय में 25% शेयर की तुलना में एच2 2016 के दौरान नये लांच व विक्रय दोनों में ही 34% की हिस्सेदारी है.
उत्तर कोलकाता में एच2 2016 के दौरान के नये लांच व विक्रय में गिरावट दर्ज की गयी है. यह एच2 2015 के दौरान नये लांच व विक्रय के 20% व 21% क्रमश: की तुलना में इस वर्ष 15% व 18% क्रमश: रहा.
पूर्व कोलकाता के क्षेत्र जैसे कि साॅल्टलेक व कांकुरगाछी में नये लांच पिछले वर्ष की भांति लगभग 10% ही रहा है, जबकि एच2 2015 की तुलना के 7% की तुलना में विक्रय बढ़ कर 11% हो गया है.