उल्लेखनीय है कि मैतना के ज्योतिर्मय कर के घर में दोपहर को दीवार निर्माण का काम चल रहा था. छह श्रमिक यह काम कर रहे थे. आरोप है कि बगैर योजनाबद्ध तरीके से काम चल रहा था. पुरानी मिट्टी के घर की दीवार को न तोड़ कर उसके नीचे के आधार को काट कर नयी पक्की दीवार बनाने का काम चल रहा था. दोपहर 12 बजे अचानक मिट्टी की दीवार ढह गयी. इसमें कालीपद, राजीव और अश्विनी दब गये.
आवाज सुन कर स्थानीय लोग दौड़ कर आये. उन्होेंने तीनों श्रमिकों को उद्धार कर मैतना अस्पताल पहुंचाया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया. ज्योतिर्मय कर के मुताबिक श्रमिकों को काम में लगा कर वह बाहर गये थे. श्रमिक अपनी मन मुताबिक दीवार बनाने का काम कर रहे थे. घटना की जानकारी होने पर वह घर लौटे. घटना के वक्त घर में ज्योतिर्मय की पत्नी ऊषारानी भी थी. उसने कहा कि उस वक्त वह खाना बना रही थी. अचानक दीवार गिरने की आवाज सुन कर वह बाहर आयी.