कोलकाता. इंटरनेशनल काॅपर एसोसिएशन इंडिया (आइसीए इंडिया) ने हिंडाल्को इंडस्ट्रीज लिमिटेड व वेदांता लिमिटेड के सहयोग में इंडिया काॅपर फोरम का आयोजन किया. आइसीए इंडिया के अनुमान के अनुसार भारत में तांबे का इस्तेमाल वर्ष 2006 से 2015 तक 5.3 प्रतिशत के सीएजीआर दर से बढ़ा और वर्ष 2015 में 1.2 मिलियन टन तक पहुंच गया. भारत में तांबे का प्रति व्यक्ति इस्तेमाल लगभग 0.8 किग्रा है, जबकि वैश्विक औसत 3.7 किग्रा है. यह आंकड़ा स्पष्ट रूप से यह संकेत करता है कि देश में इसकी वृद्धि की व्यापक क्षमता मौजूद है.
हिंडालको काॅपर डिविजंस के सीइओ जेसी लड्ढा ने कहा : हम भारत में तांबेे की व्यापक वृद्धि क्षमता को देख रहे हैं. इसकी मांग विद्युत, टेलीकाॅम, आॅटोमोबाइल, रेलवे, रक्षा, इत्यादि क्षेत्रों से आयेगी. हम अगले दशक में भारत में तांबे की खपत दोगुनी होने की उम्मीद कर रहे हैं. वेदांता काॅपर के सीइओ पी रामनाथ ने कहा कि भारत में निर्माण गतिविधियों को बढ़ावा देने में वर्तमान परिवेश ने काफी बड़े प्रोत्साहक की भूमिका निभायी है. पिछले कुछ दशकों में भारत ने जिस प्रकार की संसाधन क्षमता, उत्पादन तकनीक और वैश्विक बाजार परिदृश्य की क्षमता का विकास किया है, इससे रूपांतरणकारी वृद्धि का मार्ग प्रशस्त हुआ है.
इंटरनेशनल काॅपर एसोशिएशन एशिया के क्षेत्रीय निदेशक रिचर्ड झू, आइसीए इंडिया के प्रबंध निदेशक संजीव रंजन व खनन मंत्रालय के सचिव बालवेंदर कुमार ने भी अपना वक्तव्य रखा. इस इवेंट में तांबे के इस्तेमाल में वृद्धि करनेवाली कंपनियों को पुरस्कृत किया गया.
काॅपर एक्सिलेंस अवार्ड फाॅर क्लीन एनर्जी एडाॅप्शन से नवीन व अक्षय ऊर्जा मंत्रालय को, काॅपर एक्सिलेंस अवार्ड फाॅर एनर्जी एफिशिएंसी से इंडियन पंप मैन्यूफैक्चरर्स एसोसिएशन को, काॅपर एक्सिलेंस अवार्ड फाॅर एनर्जी एफिशिएंसी से एनटीपीसी को, काॅपर एक्सिलेंस अवार्ड फाॅर एनर्जी एफिशिएंसी से जेके टायर्स को, काॅपर एक्सिलेंस अवार्ड फाॅर एनर्जी एफिशिएंसी से ब्यूरो आॅफ इंडियन स्टैंडर्ड्स को काॅपर एक्सिलेंस अवार्ड फाॅर एनर्जी एफिशिएंसी से सीईएससी लिमिटेड सहित अन्य को सम्मानित किया गया.