राज्य के संसदीय मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा कि प्रस्तावित विधेयक के प्रारूप व छपी हुई प्रति में कई असंगति थी. इसके साथ ही कई ऐसे शब्द विधेयक में हैं, जिनसे वह सहमत नहीं थे तथा व्याकरण की भी त्रुटि थी. इस कारण फिलहाल इसे स्थगित कर दिया गया है, लेकिन इस विधेयक को फिर लाया जायेगा तथा इसकी मूल भावना वही रहेगी. विधेयक के मूल विषय वस्तु और भावना में कोई भी परिवर्तन नहीं किया जायेगा.
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विश्वविद्यालय व कॉलेज को लेकर नहीं पेश हो सका विधेयक
कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस की सरकार शिक्षण संस्थानों पर नियंत्रण के लिए शुक्रवार को विधानसभा में विधेयक पेश नहीं कर सकी. पूर्व सूचना के अनुसार पश्चिम बंगाल विश्वविद्यालय एवं कॉलेज प्रशासन एवं नियम संशोधन विधेयक, 2016 को शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी शुक्रवार को भोजनावकाश के बाद पेश करने वाले थे, लेकिन कई वरिष्ठ शिक्षाविदों ने […]
कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस की सरकार शिक्षण संस्थानों पर नियंत्रण के लिए शुक्रवार को विधानसभा में विधेयक पेश नहीं कर सकी. पूर्व सूचना के अनुसार पश्चिम बंगाल विश्वविद्यालय एवं कॉलेज प्रशासन एवं नियम संशोधन विधेयक, 2016 को शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी शुक्रवार को भोजनावकाश के बाद पेश करने वाले थे, लेकिन कई वरिष्ठ शिक्षाविदों ने इस विधेयक का विरोध किया था. शुक्रवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के हस्तक्षेप के बाद इस विधेयक को फिलहाल टाल दिया गया.
उल्लेखनीय है कि विधेयक में शिक्षण संस्थानों में प्रशासक, शिक्षक की नियुक्ति से लेकर शिक्षा कर्मचारियों की नियुक्ति के शर्त, सुरक्षा व तबादला आदि को सुनिश्चित करने के मद्देनजर कई प्रावधान थे. सरकारी कॉलेज की संचालन समिति में शिक्षाविद को शामिल किया गया था, जबकि अभी तक संचालन समिति में राजनीतिक व्यक्ति को शामिल किया जाता था. इसके साथ ही कोई भी निर्णय के पहले विश्वविद्यालय के कुलपति को राज्य सरकार से परामर्श करना जरूरी किया गया था और कॉलेजों में बॉयोमेट्रिक पद्धति चालू कर शिक्षकों की उपस्थिति पर नजरदारी रखने की बात कही गयी थी, लेकिन विभिन्न शिक्षाविदों ने इसका विरोध किया था.
विधानसभा में विपक्ष के नेता अब्दुल मन्नान ने विधानसभा में विधेयक नहीं पेश किये जाने का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि यह आम लोगों की जीत है. उन्होंने कहा कि संभव है कि शिक्षाविदों की आपत्ति के बाद मुख्यमंत्री ने हस्तक्षेप किया होगा. इस विधेयक पारित होने से शिक्षकों के कई अधिकारों का हनन होता. शिक्षाविदों ने विरोध किया था. उनके विरोध का सरकार ने स्वीकार किया.
विधेयक स्थगित किया गया, रद्द नहीं : पार्थ
राज्य के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा कि विधानसभा में शुक्रवार को पेश होना वाला शिक्षा विधेयक स्थगित किया गया है, रद्द नहीं. उन्होंने कहा कि विरोधी दलों के कई विधायकों ने आग्रह किया था कि चूंकि विधेयक की प्रति पढ़ने का अवसर नहीं मिला है. इस कारण इसे सेलेक्ट कमेटी में भेजा जाये, लेकिन सेलेक्ट कमेटी में काफी समय लगेगा. इस कारण ही इसे टाल दिया गया है. उन्होंने कहा कि विधेयक को नहीं पेश किये जाने में मुख्यमंत्री की कोई भूमिका नहीं है, वरन मुख्यमंत्री ने शीघ्र ही विधेयक पेश करने के लिए कहा है.
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