श्री धालीवाल ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिख कर टैक्सी चालकों के आंदोलन के दौरान टैक्सी चालकों एवं उनके नेताओं के खिलाफ दायर सभी फौजदारी मामलों को तुरंत वापस करने व कोलकाता टैक्सी ऑपरेटर्स यूनियन व वेस्ट बंगाल टैक्सी को-आर्डिनेशन कमेटी के प्रतिनिधियों के साथ सकारात्मक बातचीत कर टैक्सी चालकों की समस्याओं के समाधान की मांग की.
इस बाबत एनएफआइआरटीडब्ल्यू के पंजाब में हुए 17वें राष्ट्रीय अधिवेशन में एक प्रस्ताव भी ग्रहण किया गया. श्री धालीवाल ने कहा कि टैक्सी चालकों व नेताओं के खिलाफ राज्य सरकार ने फरजी मामले दायर किये तथा बातचीत के बजाय अपनी दमन नीति के जरिये आंदोलन को दबाना चाहती है.
कोलकाता टैक्सी ऑपरेटर्स यूनियन के महासचिव व वेस्ट बंगाल टैक्सी को-आर्डिनेशन कमेटी के संयोजक नवल किशोर श्रीवास्तव ने कहा कि टैक्सी चालकों के प्रति परिवहन विभाग का रवैया उदासीन है. पिछले कई वर्षों से पीली टैक्सियों के किराये में वृद्धि नहीं की गयी है. टैक्सी चालकों पर झूठे मामले दायर किये जा रहे हैं. नो रिफ्यूजल व अन्य मामले में उनके खिलाफ मामला कर उन्हें फंसाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि टैक्सी चालकों के हित में उनकी यूनियन लगातार आंदोलन करती रही है. शीघ्र ही टैक्सी चालकों के हित में यूनियन की ओर से वृहत्तर आंदोलन की घोषणा की जायेगी.