नोटबंदी के कदम से केंद्र सरकार ने किसानों, मजदूरों व आम लोगों की परेशानी बढ़ा दी है. राज्य में वर्तमान समय में धान बेच कर किसान आलू की खेती पर जोर देते हैं. प्रति क्विंटल धान करीब 900 रुपये से भी कम मूल्य पर बेचने को किसान मजबूर हो रहे हैं, जबकि सरकारी दर प्रति क्विंटल धान 1,470 रुपये निर्धारित की गयी है. किसानों को होनेवाले नुकसान का असर इस बार आलू की पैदावार पर पड़ सकता है. पश्चिम बंगाल प्रादेशिक किसान सभा की ओर से कहा गया है कि राज्य सरकार अविलंब किसानों से प्रति क्विंटल धान निर्धारित सरकारी दर से करीब दो सौ रुपये ज्यादा देकर यानी प्रति क्विंटल धान 1,670 रुपये की दर से खरीदे व अन्य समस्याओं को सुलझाने पर ध्यान दे.
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किसान व खेतिहर मजदूरों की मांगों पर व्यापक आंदोलन के संकेत
कोलकाता: नोटबंदी के बाद किसान व खेतिहर मजदूरों की समस्याओं को लेकर पश्चिम बंगाल प्रादेशिक किसान सभा समेत लगभग नौ संगठनों ने व्यापक आंदोलन की तैयारी शुरू कर दी है. किसानों और खेतिहर मजदूरों की समस्याओं से संबंधित 17 सूत्री प्रस्ताव तैयार किये गये हैं. 15 दिसंबर को महानगर स्थित मौलाली युवा केंद्र में किसान […]
कोलकाता: नोटबंदी के बाद किसान व खेतिहर मजदूरों की समस्याओं को लेकर पश्चिम बंगाल प्रादेशिक किसान सभा समेत लगभग नौ संगठनों ने व्यापक आंदोलन की तैयारी शुरू कर दी है. किसानों और खेतिहर मजदूरों की समस्याओं से संबंधित 17 सूत्री प्रस्ताव तैयार किये गये हैं. 15 दिसंबर को महानगर स्थित मौलाली युवा केंद्र में किसान व खेतिहर मजदूरों के नौ संगठनों का सम्मेलन होगा. सम्मेलन के दौरान प्रस्तावों पर चर्चा होने के साथ ही किसान व खेतिहर मजदूरों की मांगों को लेकर राज्यव्यापी आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जायेगी. इस बात की जानकारी पश्चिम बंगाल प्रादेशिक किसान सभा के महासचिव अजीत मुखर्जी ने शुक्रवार को संवाददाता सम्मेलन के दौरान दी.
किसान व खेतिहर मजदूर संगठन के आला नेता ने दावा किया है कि नोटबंदी के कदम से सबसे ज्यादा विषम प्रभाव किसानों और खेतिहर मजदूरों पर पड़ा है. नोटबंदी के कारण किसान अपनी उपज की जायज कीमत नहीं पा रहे हैं. ऐसे में वे खेतिहर मजदूरों की मजदूरी कहां से देंगे? संगठन कालाधन रखनेवालों के खिलाफ कदम उठाने के विरोध मेें नहीं है, लेकिन कारगर योजना के बगैर नोटबंदी का कदम सही नहीं है. दो वक्त की रोटी बड़ी मुश्किल से जुगाड़नेवाले खेतिहर मजदूर मौजूदा समय में डेबिट व क्रेडिट कार्ड से काफी दूर हैं.
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