कोलकाता : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में टोल प्लाजा पर सेना की उपस्थिति को लेकर राज्य सचिवालय में ही रात गुजारी, जबकि उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस के विधायकों एवं मंत्रियों ने केंद्र सरकार की ‘तानाशाही प्रवृतियों’ के खिलाफ राजभवन के बाहर धरना दिया. तृणमूल के 150 से अधिक विधायकों और मंत्रियों ने केंद्र सरकार के खिलाफ और सैनिकों को तत्काल हटाये जाने की मांग को लेकर राज्यपाल के एन त्रिपाठी को एक ज्ञापन सौंपने के लिए विधानसभा से राजभवन तक मार्च किया. वे राजभवन के बाहर बैठ गये. उनके हाथों में तख्तियां थीं जिन पर ‘मोदी हाय हाय’ समेत नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ कई तरह के नारे लिखे थे. यह प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल के एन त्रिपाठी से मिल नहीं सका क्योंकि वह नयी दिल्ली में हैं.
बंगाल के संसदीय कार्य मंत्री पार्थ चटर्जी ने आरोप लगाया कि केंद्र राज्य सरकार को गिराने का प्रयास कर रहा है क्योंकि तृणमूल ने नोटबंदी के खिलाफ आवाज उठायी है. उन्होंने कहा कि आज हम केंद्र सरकार की तानाशाही प्रवृतियों का विरोध करने यहां आये जो देश में संघीय ढांचे को खत्म करने की कोशिश कर रही है. बंगाल में राज्य सरकार लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित है और वह भी भारी जनादेश के साथ. उन्होंने कहा कि इस देश की जनता तानाशाही प्रवृतियों का करारा जवाब देगी. लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित सरकार को गिराने की साजिश रची जा रही है. लोग जवाब देंगे कि वे सैन्य तख्तापलट चाहते हैं या संघीय निर्वाचित सरकार. श्री चटर्जी ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस शिकायत दर्ज कराने के वास्ते राज्यपाल से मिलने कल फिर राजभवन आयेगी. उन्होंने कहा कि हमने टेलीफोन पर उनसे संपर्क किया. उन्होंने हमें बताया कि उन्होंने समाचार पत्रों में इस घटना के बारे में पढ़ा है. उन्होंने हमें कल आने को कहा. राज्य सरकार को कथित रूप से बिना सूचित किये पश्चिम बंगाल में कुछ टोल प्लाजा पर सेना की तैनाती को लेकर भारी ड्रामे के बाद ममता बनर्जी रात भर सचिवालय में रहीं.
उधर सेना ने बनर्जी के आरोप का खंडन किया और कहा कि यह कवायद कोलकाता पुलिस के साथ समन्वय से की जा रही है. जब सेना के बयान में पूछा गया तो श्री चटर्जी ने तपाक से कहा कि सूचना देने और इजाजत लेने में फर्क है.
जब इस संबंध में संपर्क किया गया तो त्रिपाठी ने कहा कि मैंने समाचार पत्रों में पढ़ा है. सेना पहले ही स्पष्टीकरण दे चुकी है. मुझे कुछ नहीं कहना. पश्चिम बंगाल के कई हिस्सों में टोल प्लाजा पर सैन्य उपस्थिति पर पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी के ‘सैन्य तख्तापलट’ संबंधी आरोप के बारे में पूछे जाने पर त्रिपाठी ने कहा कि यह मुख्यमंत्री का दृष्टिकोण है. मुझे कुछ नहीं कहना है.
शुक्रवार को राज्य विधानसभा के शीतकालीन सत्र का पहला दिन था और चटर्जी ने सदन में इस मुद्दे को उठाना चाहा था और उस पर चर्चा कराने की मांग की थी. लेकिन अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने यह कहते हुए उन्हें रोक दिया कि विधानसभा में किसी भी मुद्दे को उठाने और उस पर चर्चा से पहले उस पर सदन की कार्य मंत्रणा समिति में चर्चा जरूरी है.