साथ ही विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एचआइवी का पता लगाने के लिए स्व-परीक्षण के संबंध में नये दिशा-निर्देश जारी किये हैं. शुक्रवार को विश्व एड्स दिवस है और इसकी पूर्व संध्या पर जारी डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट में कहा गया है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की सिफारिश है कि एचआइवी संक्रमित हर व्यक्ति को एआरटी दिया जाना चाहिए और इसके कार्यान्वयन में सबसे बड़ी बाधा इस बीमारी का पता न चल पाना है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि आज एचआइवी संक्रमित सभी लोगों में से 40 फीसदी लोगों को अपनी स्थिति के बारे में जानकारी नहीं है और यह आंकड़ा 1.4 करोड़ से अधिक है. इनमें से ज्यादातर लोगों को एचआइवी के संक्रमण का खतरा अधिक है तथा ऐसे लोगों के लिए परीक्षण की वर्तमान सेवाओं तक पहुंच अक्सर मुश्किल होती है. डब्ल्यूएचओ की महानिदेशक मार्गेरट चान ने कहा कि एचआइवी से संक्रमित लाखों लोग उस जीवनरक्षक इलाज से अभी भी वंचित हैं, जो दूसरों तक एचआइवी के प्रसार को रोक सकता है. उन्होंने कहा कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को एचआइवी स्वपरीक्षण करना चाहिए, ताकि उन्हें अपने एचआइवी की स्थिति के बारे में पता चल सके और वे यह भी जान सकें कि इसका इलाज एवं रोकथाम कैसे संभव है.