गौरतलब है कि 15 मार्च 2015 को दादपुर थाना के गोस्वामी मालीपाड़ा में यह घटना हुई थी. सरकारी वकील काली प्रसाद सिंह राय ने बताया कि भारती मंडल की पुत्री चंपा के साथ जहांगीर मल्लिक का विवाह हुआ था, लेकिन विवाह के समय यह बात छुपा कर रखी गयी थी कि वह पहले से ही शादी-शुदा है और उसके पूर्व पति की दो संतान भी है. विवाह के बाद सेवड़ाफूली के पतिता पल्ली में किराये के मकान में चंपा और जहांगीर रहने लगे. उनको एक पुत्र संतान भी हुई. इसके बाद चंपा को उसने देह व्यवसाय में धकेल दिया. खबर पाकर सास भारती देवी उसके घर पहुंचीं और उसका विरोध किया. दोनों के बीच जमकर विवाद हुआ. विवाद इतना बढ़ गया कि जहांगीर ने चाकू से सास पर हमला बोल दिया, जिससे मौके पर ही भारती देवी की मौत हो गयी. थाने में मामले की शिकायत करायी गयी. शिकायत पाकर जहांगीर को पुलिस ने गिरफ्तार किया गया. 28 नवंबर को अदालत ने जहांगीर को दोषी ठहराया और बुधवार को उसे आजीवन कारावास की सजा सुनायी गयी साथ ही 10 हजार रुपये जुर्माना किया. जुर्माना नहीं देने पर छह महीने के अतिरिक्त कारावास की सजा सुनायी.
इस हत्या में उसका जमाई सुनील दास भी शामिल था. मामले की जानकारी पुलिस को हुई. पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया. तभी से कोर्ट में केस चल रहा था. किसी न किसी कारण कोर्ट में हर बार नयी तारीख मिल जाती थी. मृतका के परिजन लगातार कोर्ट में अपनी बात रख रहे थे. दोनों पर आरोप सिद्ध हो जाने पर चुचुडा के सेकेंड फर्स्ट ट्रेक कोर्ट के न्यायधीश जहांगीर कबीर ने शंभु और सुनील को आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए 30 हजार रुपये जुर्माना किया. इस रकम को नहीं देने पर तीन साल के लिए अतरिक्त जेल की सजा सुनायी.