हावड़ा. एशिया का दूसरा व भारत का सबसे बड़ा हावड़ा होलसेल मछली बाजार का कायाकल्प होने जा रहा है. फरवरी, 2017 तक काम पूरा हो जाने की उम्मीद है. नेशनल फिशरीज डेवलपमेंट बोर्ड की ओर से मछली बाजार के नवीनीकरण के लिए 15 करोड़ रुपये दिये गये हैं. इस बाबत तीन मंजिला भवन बनाया जा रहा है.
साथ ही पार्किंग के लिए ठोस व्यवस्था की जा रही है, ताकि मछली लेकर दूसरे राज्यों से आने वाली गाड़ियों को पार्किंग करने में जाम की नौबत नहीं बने. वर्तमान में बाजार की सबसे बड़ी समस्या पार्किंग व ड्रेनेज सिस्टम को लेकर है. फिलहाल अन्य राज्यों से आनेवाली गाड़ियां बाजार के आस-पास ही लगायी जाती हैं, जिससे ट्रैफिक सेवा कुछ हद तक बाधित होती है. ड्रेनेज व सीवरेज सिस्टम दुरुस्त नहीं होने पर गंदा पानी सड़कों तक बहता है, जिसके कारण यहां से गुजरने वाले लोगों को दुर्गंध का सामना करना पड़ता है. तीन मंजिला इस भवन में पहले तल्ले में कैंटीन, दूसरे तल्ले में बाहर से आने वाले मछली व्यापारियों के लिए ठहरने की जगह बनायी जा रही है. सबसे निचले तल्ले में व्यापारियों के लिए कार्यालय व शौचालय भी बनाये जायेंगे. साथ ही पूरे मछली बाजार में शेड लगाया जायेगा, ताकि बारिश के मौसम में जलजमाव की समस्या से नहीं भुगतना पड़े.
कहां है हावड़ा मछली बाजार
हावड़ा होलसेल मछली बाजार हावड़ा स्टेशन से कुछ ही दूरी पर है. पूरे भारत में इस बाजार का पहला व एशिया में दूसरा स्थान है. वर्तमान में दो एकड़ की जमीन पर यह बाजार फैला हुआ है. नवीनीकरण का काम संपन्न होने के बाद यह बाजार तीन एकड़ में फैल जायेगा. अभी इस बाजार में करीब 250 दुकानें हैं. यह मछली बाजार जिस जगह पर स्थित है, उसी जगह से हावड़ा शहर का प्रवेश शुरू होता है. शहरवासियों का मानना है कि शहर में प्रवेश करने के समय ही दुर्गंध का सामना करना पड़ता है. यह ठीक नहीं है. इससे एक शहर की छवि धूमिल होती है.
क्या कहना है व्यवसायियों का
नेशनल फिसरीज डेवलपमेंट बोर्ड द्वारा 15 करोड़ की राशि आवंटित की गयी है. प्रत्येक चरण में रुपये भेजे जा रहे हैं. तीन मंजिला भवन के अलावा पार्किंग व्यवस्था व ड्रेनेज सिस्टम दुरुस्त किये जायेंगे. वर्तमान में यहां मछली रखने के लिए कोल्ड स्टोरेज की व्यवस्था नहीं है. इस नवीनीकरण के दौरान स्टोरेज भी बनाया जायेगा.
-सैयद अनवर मकसूद, सचिव, हावड़ा होलसेल फिश मार्केट स्टाल ऑनर्स को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड.