कॉलेज स्क्वायर से धर्मतला तक जुलूस निकाला
कोलकाता : सारधा चिटफंड के निवेशकों को उनके रुपये लौटाने की मांग पर सोमवार को राजभवन अभियान चलाया गया. इसका नेतृत्व राज्य माकपा सचिव सूर्यकांत मिश्रा, विधायक सूजन चक्रवर्ती, पूर्व मेयर विकास रंजन भट्टाचार्य, विधानसभा में विपक्ष के नेता व कांग्रेस विधायक अब्दुल मन्नान व अन्य नेताओं ने किया.
इसके तहत कॉलेज स्क्वायर से धर्मतला तक एक जुलूस निकाला गया. जुलूस के बाद 12 नेताओं के एक प्रतिनिधि दल ने राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन देने के बाद श्री मिश्रा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि सारधा के निवेशकों के रुपये लौटाने के लिए जो कुछ वह कर सकते हैं वह करेंगे, लेकिन सीबीआइ जांच शुरू करने के बाद वह ममता बनर्जी के साथ मिल गये.
कांग्रेस नेता अब्दुल मन्नान ने कहा कि ममता बनर्जी गरीबों की रुपये की समस्या के लिए दिल्ली नहीं गयी. वह दिल्ली अपनी पार्टी के रुपये को बचाने गयीं. पूर्व मेयर विकास रंजन भट्टाचार्य ने कहा कि राज्य सरकार चाहती है कि वह जो कानून बनायेगी उसके आधार पर ही रुपये वापस देना होगा. इस संबंध में अदालत के राजी न होने की वजह से निवेशकों के रुपये वापस होने की संभावना कम होती जा रही है. इसके अलावा राज्य में जो सत्ता में हैं, वही सारधा के कोष को संभाल रहे हैं.
सूजन चक्रवर्ती ने कहा कि प्रधानमंत्री भले ही अपने भाषण में चिटफंड को लेकर मुख्यमंत्री पर व्यंग्य कर रहे हों लेकिन वह सीबीआइ के जरिये इसकी सही जांच कराके दोषियों को क्यों नहीं सजा दिला रहे? प्रधानमंत्री केवल जुबानी ही मुख्यमंत्री का विरोध कर रहे हैं, हकीकत में ऐसा कुछ नहीं है.
कांग्रेस एवं माकपा ने कहा कि नोटबंदी का विरोध कर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी राजनीतिक लाभ के लिए मुश्किल हालात का फायदा उठाने का प्रयास कर रही हैं. उन्होंने टीएमसी नेतृत्व को नारद और सारधा घोटालों से बेदाग निकलने की चुनौती दी. अब्दुल मनान ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री मुश्किल हालात का फायदा उठाने का प्रयत्न कर रही हैं.
उन्हें उन लोगों के लिए घड़ियाली आंसू बहाना बंद कर देना चाहिए, जो नोटबंदी से प्रभावित हुए हैं. यदि उन्हें आम आदमी की इतनी ही चिंता है, तो वह उन लोगों का धन वापस लाने के लिए कोई कदम क्यों नहीं उठा रही हैं, जो चिटफंड घोटाले में लुट गये हैं. तृणमूल कांग्रेस के मंत्री, सांसद चिटफंड घोटाले में गिरफ्तार किये गये हैं.
सुजन चक्रवर्ती ने कहा कि नोटबंदी का उनका विरोध अपनी पार्टी नेताओं को बचाने की उनकी हताश कोशिश है, जो सारधा और नारद घोटालों में फंसे हैंं. तृणमूल कांग्रेस की विश्वसनीयता क्या है? वह कैसे कालेधन के खिलाफ लड़ाई करने की बात कर सकती है, जब उसके अपने ही नेता सारधा घोटाले में शामिल हैं और उन्हें गिरफ्तार किया गया है.