उन्होंने अपनी बहन की शादी चांचल महकमा के रतुआ इलाके में तय की है. वर पेशे से स्कूल शिक्षक है. शादी के खर्च के लिए फिरोज शेख ने मंगलवार को ही एक लाख 80 हजार रुपये बैंक से निकाले हैं. सभी नोट 1000 एवं 500 के हैं. इन नोटों के रद्द होने की खबर सुनते ही उनके पैरों तले जमीन खिसक गयी. बुधवार को वह कई परिचितों के पास एक लाख 80 हजार रुपये का खुदरा कराने पहुंचे. किसी ने उनकी कोई मदद नहीं की.
शादी में खर्च कहां से करेंगे, यह सोच कर फिरोज ने बहन की शादी फिलहाल स्थगित करने का निर्णय लिया है. फिरोज का कहना है कि उसके पास मात्र 440 रुपये खुदरा हैं. ऐसे में बहन की शादी कहां से होगी. अगर वर पक्ष ने अचानक शादी से इंकार कर दिया, तो बहन के भविष्य का क्या होगा. उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार के इस तुगलकी फरमान से उनके जैसे आम लोग काफी परेशान हैं. उन्होंने मोदी सरकार की जमकर आलोचना की. परिवार के अन्य सदस्यों का कहना है कि वह लोग ग्रामीण इलाके में रहते हैं. शादी के लिए आवश्यक सामान खरीदने के लिए उन्हें बाजार जाना होगा. बाजार में कोई नहीं पहचानता. भला 1000 और 500 रुपये के नोट से कौन खरीददारी करने देगा.