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केंद्र सरकार का फैसला सही नहीं : सूर्यकांत

कोलकाता. मंगलवार की आधी रात यानी आठ नवंबर को रात 12 बजे से बड़े नाटकीय ढंग से भाजपा नीत केंद्र सरकार ने पूरे देश में 500 और 1000 रुपये के नोट के चलन को रद्द कर दिया. 500 और 2000 रुपये के नये नोट लाने की घोषणा की गयी. जिस उद्देश्य से 500-1000 रुपये के […]

कोलकाता. मंगलवार की आधी रात यानी आठ नवंबर को रात 12 बजे से बड़े नाटकीय ढंग से भाजपा नीत केंद्र सरकार ने पूरे देश में 500 और 1000 रुपये के नोट के चलन को रद्द कर दिया. 500 और 2000 रुपये के नये नोट लाने की घोषणा की गयी. जिस उद्देश्य से 500-1000 रुपये के नोट को बंद किया गया, उसका कोई औचित्य नहीं है. केंद्र का फैसला और कदम सही नहीं है. यह आरोप माकपा के राज्य सचिव डॉ सूर्यकांत मिश्रा ने लगाया.
बुधवार को संवाददाता सम्मेलन में श्री मिश्रा ने कहा कि सत्ता में आने के पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि मूलत: विदेशी बैंकों में मौजूद काला धन देश में वापस लाया जायेगा. सत्ता में आने के करीब ढाई वर्ष पूरे होने के बाद भी दिया गया आश्वासन पूरा नहीं हुआ. देश की मौजूदा आर्थिक स्थिति सही नहीं है. कुछ वर्षों में महंगाई काफी बढ़ी है. ऐसे में अचानक 500-1000 रुपये के नोट बंद करने से विषम स्थिति पैदा हो गयी है. कथित तौर पर आतंकियों तक रुपये पहुंचने का जरिया बंद किये जाने का दावा किया जा रहा है, लेकिन क्या इलेक्ट्रॉनिक ट्रांजेक्शन को लेकर ध्यान दिया गया है? नोट के बंद किये जाने से जाली नोट का अवैध कारोबार बंद किये जाने का भी दावा किया गया है. जाली नोटों का कारोबार बंद हो, यह माकपा भी चाहती है, लेकिन इसके लिए सटीक व कारगर तरीका अपनाया जाना चाहिए.
श्री मिश्रा ने आरोप लगाया कि मनी लॉड्रिंग पर अंकुश, चिटफंड कांड के पीड़ितों का रुपया वापस दिये जाने को लेकर केंद्र सरकार की ओर से कोई कदम नहीं उठाये जा रहे हैं.

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