हम इस प्रक्रिया को दस सप्ताह में ही पूरा करने का प्रयास कर रहे हैं. किसानों को उनकी जमीन का भौतिक कब्जा सौंपने की प्रक्रिया 20 अक्तूबर से शुरू हो जायेगी. इस मौके पर मैं भी मौजूद रहूंगी. 80 प्रतिशत भूमि को कृषि योग्य बना लिया गया है. केवल 36 एकड़ जमीन बाकी है, जहां अब भी कंक्रीट है.
उसे हटाने का काम तेजी से चल रहा है. एक दिन में सभी को जमीन वापस करना संभव नहीं है. चार हजार किसान हैं. प्रत्येक किसान को जमीन के साथ दस हजार रुपये एवं खेती के लिए नि:शुल्क बीज भी दिया जायेगा. जमीन लौटाने की शुरुआत सिंगूर के गोपालनगर मौजा से होगी. पहले दिन 25 एकड़ जमीन किसानों को दी जायेगी. किसानों को जमीन का भौतिक कब्जा सौंपने की इस प्रक्रिया पर उच्चशिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी नजर रखेंगे. मुख्यमंत्री ने जमीन वापस लौटाने की इस प्रक्रिया में अपने मंत्रियों एवं विभिन्न विभागों के कामकाज पर संतोष प्रकट करते हुए कहा कि सभी ने बहुत अच्छा काम किया है.