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हुगली में एक साल बाद भी नहीं मिला जन्म प्रमाणपत्र

हुगली. एक बच्चे को अस्पताल में जन्म देने के बाद भी उसकी मां जन्म प्रमाणपत्र के लिए दर-दर भटक रही है. यह घटना है पांडुआ थाना के बैची दक्षिण पाड़ा की. सुमंत क्षेत्रपाल की पत्नी सुमित्रा ने 22 जनवरी को चुचुडा इमामबाड़ा सदर अस्पताल में अपनी संतान को जन्म दिया. चिकित्सकों ने कहा कि संतान […]

हुगली. एक बच्चे को अस्पताल में जन्म देने के बाद भी उसकी मां जन्म प्रमाणपत्र के लिए दर-दर भटक रही है. यह घटना है पांडुआ थाना के बैची दक्षिण पाड़ा की. सुमंत क्षेत्रपाल की पत्नी सुमित्रा ने 22 जनवरी को चुचुडा इमामबाड़ा सदर अस्पताल में अपनी संतान को जन्म दिया. चिकित्सकों ने कहा कि संतान न नर है और न ही नारी. इसलिए उसका प्रमाणपत्र नहीं बन पा रहा है.
चिकित्सकों की भाषा में जन्मे संतान को अम्बिगुऔस बताया गया है. इस कारण नगरपालिका और अस्पताल से उसे कोई जन्म प्रमाणपत्र नहीं दिया जा रहा है. सुमित्रा की सास सुशीला देवी का आरोप है कि जन्म प्रमाणपत्र पाने के लिए वह जनवरी से लगातार चुचुड़ा सदर इमामबाड़ा अस्पताल और हुगली-चुचुडा नगरपालिका का चक्कर लगा रही है.

वह अपने नन्हे विष्णु के जन्म प्रमाणपत्र के लिए परेशान है. जन्मे संतान को अम्बिगुऔस बताया गया है. इस कारण नगरपालिका और अस्पताल से उसे कोई जन्म प्रमाणपत्र नहीं दिया जा रहा है. पीड़ित मां का कहना है कि बच्चा जैसा भी पैदा हुआ हो, लेकिन बच्चा तो है. उसका जन्म प्रमाणपत्र दिया जाये.

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