इस संगठन के साथ 1,30,000 से अधिक पंजीकृत और गैर पंजीकृत यौनकर्मी जुड़ी हैं. डीएमएससी की सचिव भारती दे ने बताया कि 2013 से ही सोनागाछी में पूजा आयोजित होती है. परंतु हर साल पुलिस और नगर निगम के अधिकारी हमारा आवेदन खारिज कर देते हैं जिसके बाद हमें अदालत का रुख करना पड़ता है. उन्होंने कहा कि यह व्यावहारिक रूप से संभव नहीं है कि हम हर साल दुर्गापूजा आयोजित करने के लिए अदालत में पचास से साठ हजार रुपये खर्च करें. यह विडंबना ही है कि जिस स्थान की मिट्टी से मां की मूर्ति के निर्माण का पवित्र कार्य प्रारंभ होता है, उसी स्थान पर रहनेवालों को पूजा की अनुमति नहीं मिल सकी.
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देवी आराधना से इस बार वंचित रहीं यौनकर्मी
कोलकाता. एशिया के सबसे बड़े रेडलाइट इलाके सोनागाछी में यौनकर्मियों को इस वर्ष दूर्गापूजा पूजा से वंचित होना पड़ा. कोलकाता पुलिस ने वहां पूजा की अनुमति नहीं दी. पुलिस ने पूजा की अनुमति देने पर स्पष्टीकरण दिया कि इलाके में पूजा के दौरान काफी भीड़ होती है, जिसके नियंत्रण के लिए हमें अतिरिक्त सुरक्षा बलों […]
कोलकाता. एशिया के सबसे बड़े रेडलाइट इलाके सोनागाछी में यौनकर्मियों को इस वर्ष दूर्गापूजा पूजा से वंचित होना पड़ा. कोलकाता पुलिस ने वहां पूजा की अनुमति नहीं दी. पुलिस ने पूजा की अनुमति देने पर स्पष्टीकरण दिया कि इलाके में पूजा के दौरान काफी भीड़ होती है, जिसके नियंत्रण के लिए हमें अतिरिक्त सुरक्षा बलों को तैनात करना होता है जो इस वर्ष संभव नहीं हो पा रहा है. इसी को ध्यान में रखते हुए पूजा की अनुमति नहीं दी गयी. पुलिस ने यह भी कहा कि रेड लाइट एरिया होने के कारण दर्शकों से अधिक यहां मनचलों की भारी भीड़ जुटती है. साथ ही यहां जगह भी काफी कम है जिसके यहां दुर्घटना की भी आशंका बनी रहती है.
गौरतलब है कि वर्ष 2013 से ही सोनागाछी में दुर्गापूजा के आयोजन को लेकर कोलकाता नगर निगम इस पर आपत्ति जताता आ रहा है, जिसके विरोध में यौनकर्मियों के दुर्बार महिला समन्वय कमेटी (डीएमएससी) को हाईकोर्ट से पूजा की अनुमति लेनी पड़ती थी. डीएमएससी ने आरोप लगाया है कि बीते पांच वर्षों से यौनकर्मी पुलिस के उत्पीड़न का शिकार हो रही हैं.
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