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संकट से उबारने को एक साल में दूसरी बार हुअा प्लेनम, माकपा का युवा पर जोर

कोलकाता. 2011 विधानसभा चुनाव के बाद बंगाल में वाम मोरचा की पकड़ लगातार कमजोर हुई है. हाल यह है कि राज्य में मुख्य विरोधी दल का दर्ज भी छीन गया है. सबसे खराब हालत माकपा की है. पार्टी की लोकप्रियता का ग्राफ लगातार नीचे आ रहा है. 2016 विधानसभा चुनाव में माकपा के कई आला […]

कोलकाता. 2011 विधानसभा चुनाव के बाद बंगाल में वाम मोरचा की पकड़ लगातार कमजोर हुई है. हाल यह है कि राज्य में मुख्य विरोधी दल का दर्ज भी छीन गया है. सबसे खराब हालत माकपा की है. पार्टी की लोकप्रियता का ग्राफ लगातार नीचे आ रहा है. 2016 विधानसभा चुनाव में माकपा के कई आला नेताओं को हार का सामना करना करना पड़ा है.
इस संटक के दौर से निकलने के लिए पार्टी अब प्लेनम का सहारा ले रही है. यही वजह है कि गत एक वर्ष के भीतर दो बार प्लेनम का आयोजन किया गया है. शुक्रवार महानगर के प्रमोद दास गुप्ता भवन में माकपा के दो दिवसीय प्लनेम का आयोजन किया गया है. आपको बता दे इससे पहले गत वर्ष 27 से 31 दिसंबर के बीच महानगर के प्रमोद दास गुप्ता भवन में प्लेनम का आयोजन किया गया था. इससे पहले 1978 के दिसंबर महीने में सलकिया में प्लेनम का आयोजन किया गया था. अब 2016 में हुए विधानसभा चुनाव में कड़ी शिकस्त के बाद एक बार शुक्रवार से दो दिवसीय प्लेनम का आयोजन किया गया है. प्लेनम में राज्य के 20 जिलों से कुल 378 माकपा सचिव मंडली के सदस्य हिस्सा लिये. माकपा के राज्य सचिव डॉ सूर्यकांत मिश्रा ने बताया कि प्लेनम के अध्यक्ष मंडली में चार वरिष्ठ नेताओं को शामिल किया गया है. अध्यक्ष मंडली में वाम मोरचा के चेयरमैन विमान बोस, माकपा सांसद मोहमद शलीम, मिनती घोष व राम चंद्र डोम को शामिल किया गया है .

वहीं माकपा महासचिव सीताराम येचुरी, पार्टी के पूर्व महासचिव प्रकाश करात व हन्नान मोल्ला भी इस बैठक में शामिल हुए. प्लेनम के पहले दिन केंद्र व राज्य सरकार की नीतियों की आलोचना की गई. राज्य से जुड़े विभिन्न विषयों पर नंवबर से लगातार आंदोलन करने का फैसले लिया गया है. राज्य की मौजूदा स्थिति को देखते हुए विभिन्न प्रतिनिधि द्वारा प्रस्ताव दिया गया है. इन प्रस्ताव पर शनिवार की सभा में चर्चा होगी. डॉ सूर्यकांत मिश्रा ने कहा कि पार्टी को सांगठनिक रूप से मजबूत बनाने के लिए हमें युवाओं की जरूरत है. ऐसे में पार्टी में 18 से 31 उम्र को लोगों को शामिल करने पर जोर दिया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि 2018 तक पार्टी में करीब 20 फीसदी युवाओं को शामिल किये जाने का लक्ष्य रखा गया है. पार्टी में महिलाओं की संख्या में करीब 25 फीसदी बढ़ोतरी करने की योजना बनायी गई है. डॉ मिश्रा ने यह माना की पार्टी आम लोगों तक नहीं पहुंच पा रही है. हमें आम लोगों से जुड़ना होगा. 1978 में सलकिया में हुए प्लेनम में एक क्रांतिकारी पार्टी का गठन करने की बाद कही गई थी. लेकिन हम ऐसी पार्टी को गठन करने में विफल रहे हैं. हमें इस दिशा में विशेष जोर देना होगा.

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