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जीआरएसई ने किया रिकॉर्ड 1707 करोड़ का कारोबार

कोलकाता. गार्डेनरीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड (जीआरएसई) ने 2015-16 वित्तीय वर्ष में शानदार प्रदर्शन करते हुए अब तक का सबसे अधिक रिकॉर्ड 1707 करोड़ रुपये का कारोबार किया है. बुधवार को जीआरएसई की सालाना आम बैठक (एजीएम) हुई, जिसमें कंपनी का 2015-16 वित्तीय वर्ष का लेखा-जोखा पेश करते हुए कंपनी के चेयरमैन व मैनेजिंग डायरेक्टर […]

कोलकाता. गार्डेनरीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड (जीआरएसई) ने 2015-16 वित्तीय वर्ष में शानदार प्रदर्शन करते हुए अब तक का सबसे अधिक रिकॉर्ड 1707 करोड़ रुपये का कारोबार किया है. बुधवार को जीआरएसई की सालाना आम बैठक (एजीएम) हुई, जिसमें कंपनी का 2015-16 वित्तीय वर्ष का लेखा-जोखा पेश करते हुए कंपनी के चेयरमैन व मैनेजिंग डायरेक्टर रियर एडमिरल एके वर्मा (सेवानिवृत) ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2015-16 में जीआरएसई ने रिकॉर्ड 1707 करोड़ रुपये का कारोबार किया है, जो कंपनी के इतिहास में अब तक सबसे अधिक है.

पिछले आर्थिक वर्ष में कंपनी ने 1613 करोड़ रुपये का व्यवसाय किया था. कंपनी ने इस वित्तीय वर्ष में उच्चतम 247.11 करोड़ रुपया प्रोफिट बिफोर टैक्स (पीबीटी) भी दर्ज कर एक नया रिकॉर्ड अपने नाम किया, आर्थिक वर्ष 2014-15 में पीबीटी 76.02 करोड़ रुपये था. वर्ष 2015-15 के दौरान जीआरएसई ने लाभांश, करों एवं शुल्क के माध्यम से राष्ट्रीय खजाने में 226.08 करोड़ रुपये का योगदान किया. एडमिरल वर्मा ने बताया कि भारतीय नौसेना को आधुनिक युद्धपोत एंटी-सबमेरिन वारफेयर कार्वेट आइएनएस कदमत की डिलिवरी वर्ष 2015-16 के दौरान कंपनी की सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धि थी.

इस युद्धपोत को भारत सरकार के मेक इन इंडिया अभियान को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है. जीआरएसई ने इस युद्धपोत को 90 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी सामग्री व तकनीक से बनाया है. इस वर्ष में जीआरएसई ने छह युद्धपोत भी लांच किया. जीआरएसई के इन सफल प्रयासों की भारत सरकार ने भी सराहना करते हुए उसे मान्यता दी आैर शिपयार्ड को देश का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रक्षा शिपयार्ड घोषित किया. वर्ष 2012-13 एवं 2013-14 की ट्रॉफी 27 जनवरी 2016 को नयी दिल्ली स्थित डीआरडीआे भवन में हुए एक कार्यक्रम के दौरान रक्षा मंत्री ने जीआरएसई के चेयरमैन व मैनेजिंग डायरेक्टर को दिये. जीआरएसई इससे पहले 2010-11 एवं 2011-12 में भी इस ट्रॉफी को जीत चुका है. जीआरएसई ने लगातार चार साल इस ट्रॉफी को जीता है.

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