फोरम के महासचिव जयदीप मुखर्जी ने कहा कि स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नयी दिल्ली में दिये भाषण में पाक अधिकृत कश्मीर और बलूचिस्तान का जिक्र किया था. उसी भाषण के जरिये पूरा विश्व शायद बलूचिस्तान लोगों पर होनेवाली यातनाओं को जान पाया हो. मौजूदा समय में स्वीटजरलैंड में निर्वासित जीवन बिता रहे बलूच रिपब्लिकन पार्टी के नेता ब्रह्मदाग बुगती द्वारा तमाम देशों के लोग यह जान पाये हैं कि किस तरह बलूचिस्तान के लोगों के मानवाधिकार का उल्लंघन आइएसआइ और पाकिस्तान सरकार कर रही है.
ऐसी स्थिति पूर्वी पाकिस्तान (मौजूदा समय में बांग्लादेश) की भी थी, लेकिन उस वक्त भारत वहां के लोगों के पास खड़ा हुआ. हिंसा व अत्याचार के शिकार करोड़ों लोगों को बंगाल में पनाह दी गयी थी. आज भी भारतवासी हिंसा के खिलाफ हैं और बलूच के पीड़ित लोगों के साथ हैं. बलूचिस्तान में लोगों पर अत्याचार व मानवाधिकार के उल्लंघन की घटनाओं का फोरम ने पुरजोर विरोध किया है.