कोलकाता. वर्तमान में सड़क दुर्घटना मुख्य समस्या बन गयी है. एक रिपोर्ट के मुताबिक पूरे विश्व में सड़क हादसों में होने वाली मौत का करीब 10 प्रतिशत सिर्फ भारत में होती हैं. भारत में प्रतिवर्ष करीब पांच लाख सड़क दुर्घटनाएं होती हैं, जिसमें डेढ़ लाख से अधिक लोगों की जान जाती है. ग्रामीण और बीहड़ इलाकों में होने वाली दुर्घटनाएं रिकार्ड में दर्ज नहीं हो पातीं. महानगर में सड़क हादसों में कमी लाने के लिए राज्य सरकार और पुलिस पूरा प्रयास कर रही है.
स्कूलों एवं कॉलेजों में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. समय-समय पर टैक्सी चालकों को पुलिस की ओर से प्रशिक्षण दिया जाता है, लेकिन बाइक चालकों को यह प्रशिक्षण देना संभव नहीं है. लापरवाही से बाइक चलाने का अभी जैसे फैशन हो गया है. युवा हेयर कटिंग पर 1,200 रुपये तक खर्च कर रहे हैं. इसलिए वे हेलमेट नहीं पहनते, क्योंकि इससे उनका फैशन छिप जायेगा. महानगर के हर महत्वपूर्ण क्रासिंग पर कैमरा लगाये गये हैं. ट्रैफिक सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी इनकी मदद से की जाती है. कैमरे के फुटेज के आधार जुर्माने भी लगाये जाते हैं.
नियम और कानून आपकी सुरक्षा के लिए ही बनाये गये हैं. यदि ट्रैफिक नियमों का सटीक पालन किया जाये तो सड़क हादसों में जरूर कमी आयेगी. ये बातें कोलकाता पुलिस के सार्जेंट मनीष पांडेय ने कही. वह बतौर मुख्य वक्ता प्रभात खबर जनसंवाद परिचर्चा में बोल रहे थे. उन्होंने ट्रैफिक नियमों के पालन को काफी जरूरी बताया. परिचर्चा का विषय ‘सड़क दुर्घटनाएं व अवैध पार्किंग था. यह कार्यक्रम मेमोरी ऑफ माट्रिडम ऑफ मेहता एंड मुख्तार के सहयोग से हुसैन शाह रोड स्थित हुसैन शाह गर्ल्स हाई स्कूल परिसर में हुआ. इसमें राजनीति, चिकित्सा, समाजसेवा से जुड़े विशिष्ट जनों के अलावा बड़ी संख्या में युवा शामिल हुए. कार्यक्रम का संचालन मेमोरी ऑफ माट्रिडम ऑफ मेहता एंड मुख्तार के महासचिव मोहम्मद सलीम (अरमान) ने किया. मौके पर प्रभात खबर कोलकाता संस्करण के प्रसार विभाग के प्रबंधक देवाशीष ठाकुर भी मौजूद थे. कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ शेख कुतुबुद्दीन ने की. बतौर विशेष अतिथि डॉ शकील अख्तर मौजूद थे. आइये जानते हैं उक्त विषय पर विशिष्ट जनों ने क्या राय दी-
डाॅ शकील अख्तर (चिकित्सक): हमें खुद को बदलना चाहिए. तीन बार से अधिक ट्रैफिक नियमों की अनदेखी होने पर जुर्माना ही नहीं बल्कि आरोपी को एक दिन की जेल की सजा होनी चाहिए. स्कूल से ही बच्चों को प्रैक्टिकल बनाया जाये. समाज में पांच-पांच लोगों का ग्रुप तैयार करें. ट्रैफिक नियमों की अनदेखी करने पर आरोपी को ग्रुप में शामिल लोग रोकें. एक बार समझायें न समझें तो बार-बार ट्रैफिक नियमों से अवगत करायें. शायद कुछ समस्याओं का समाधान निकल जाये.
विश्वजीत लाला (राजनीतिज्ञ) : नयी इमारत तो तैयार हो रही हैं लेकिन फ्लैट की संख्या के अनुरूप बेसमेंट में पार्किंग की व्यवस्था नहीं है, जिसकी वजह से अवैध पार्किंग होती है पोर्ट इलाके में. अवैध पार्किंग भी दुर्घटना का एक कारण हो सकता है. केवल बात से नहीं काम होगा, जागरूकता जरूरी है.
डॉ शेख कुतुबुद्दीन :अवैध पार्किंग भी दुर्घटनाओं का एक अहम कारण है. यदि हम ट्रैफिक नियमों का सही से पालन करें तो कई दुर्घटनाएं रोकी जा सकती हैं.
अतीउर रहमान : ज्यादातर युवा वर्ग बेपरवाह तरीके से वाहन चलाते देखे जाते हैं. उन्हें शायद कानूून व नियमों की परवाह भी नहीं. हादसों पर अंकुश के लिए ट्रैफिक नियमों का पालन जरूरी है साथ ही वाहन के रफ्तार पर नियंत्रण भी महत्वपूर्ण है.
आकिब गुलजार (राजनीति से जुड़े) : पोर्ट इलाके में अवैध पार्किंग की समस्या बड़ा मुद्दा है. मोमिनपुर से लेकर सीएमआरआइ अस्पताल तक अवैध पार्किंग देखे जा सकते हैं. रैस ड्राइविंग के लिए इलाके में कई लोगों को जान भी गंवानी पड़ी है. ट्रैफिक पुलिस की ओर से जागरूकता अभियान तेज करना जरूरी है.
मोहम्मद फैयाज : प्रति वर्ष चार से पांच बार जागरूकता अभियान चलाया जाता है. इसके बावजूद सड़क हादसे होते हैं. हेलमेट का क्या महत्व होता है सभी को मालूम है. फिर भी गलती क्यों? हमें अपनी सुरक्षा की बात खुद ही सोचनी होगी.
उत्तम कुमार दास : लोगों को सचेत करने के लिए पुलिस को और सक्रिय होना होगा. मोमिनपुर इलाके में बाइक ऐसे चलाये जाते हैं जैसे चालक हाथी पर बैठा है और पास से गुजरने वाले लोग चींटी हों. ट्रैफिक नियम के पालन से हादसों पर अंकुश लग पायेगा.
अशरफ अली : आप जिस देश में रहते हैं वहां के कानून का पालन जरूरी है. दुर्घटनाएं कानून और अनुशासन का पालन नहीं करने की वजह से ज्यादा होती हैं. ट्रैफिक नियमों को लेकर जागरूकता अभियान स्कूलों और कॉलेजों में ही नहीं बल्कि धार्मिक संस्थानों की मदद से भी चलाया जाना चाहिए.
राहत हुसैन : हेलमेट से जीवन बचे यह जरूरी नहीं. सबसे पहले हमें अपने देश के कानून को मानना होगा तभी हम सुरक्षित रहेंगे. हम हेलमेट पहनें और रैस ड्राइविंग करेंगे तो क्या दुर्घटना नहीं होगी? रफ्तार पर नियंत्रण जरूरी है. कानून को और सख्त बनाना पड़ेगा.
इरफान अहमद खान : दुर्घटना पर अंकुश के लिए पुलिस कोशिश कर रही है लेकिन हमें सजग होना होगा. रैस ड्राइविंग करने वालों को जुर्माना व नियमों से चिढ़ होती होगी. कोलकाता पुलिस का ट्रैफिक विभाग बहुत सक्रिय है. युवा समाज को वाहनों की रफ्तार पर काबू रखना होगा.
शेख कामरान अली : लोगों को शिक्षित करना होगा. शिक्षा का मतलब यहां सचेतना से हैं. कानून और नियमों के प्रति सचेतना. जागरूकता में मीडिया का किरदार काफी अहम है.
परिचर्चा के दौरान शेख निजामुद्दीन, रंजीत कुमार साव, मुस्ताक अली, राजा तनवीर आलम, मोहम्मद नौशाद मल्लिक, मोहम्मद सरफराज, मोहम्मद आदिल रजा, मनोज कुमार साव, मोहम्मद शकीर, संजय दे, सुकांत दास समेत अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे.