इस अधिग्रहण का विरोध तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो ममता बनर्जी ने किया था और उनके द्वारा किया गया आंदोलन रंग लाया है. इसलिए अब सभी पार्टियों को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ मिल कर राज्य के विकास के लिए कार्य करना चाहिए. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी राज्य के विकास के लिए बेहतर कार्य कर रही हैं और विकास के मुद्दे को राजनीति से परे रखना चाहिए. अगर हम विपक्ष में हैं तो इसका मतलब यह नहीं कि हम सरकार की हर बात का विरोध करें.
उन्होंने विशेष कर कांग्रेस पार्टी से मुख्यमंत्री के साथ मिल कर राज्य के विकास में मदद करने की अपील की. गुरुवार को संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की जम कर प्रशंसा की और साथ ही वाममोरचा को आड़े हाथों लिया. वाम नेताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि टाटा जैसी बड़ी कंपनी, बंगाल में निवेश करना चाहती थी, यह राज्य के लिए बहुत बड़ी बात थी, लेकिन वाम नेताओं ने टाटा कंपनी के साथ खिलवाड़ किया. अगर सभी नियमों को मानते हुए टाटा कंपनी को यहां लाया जाता तो बहुत बेहतर होता. वहीं, कांग्रेस से पलायन हो रहे नेताओं व विधायकों के संबंध में उन्होंने कहा कि जब वह इस प्रकार की खबर को देखते या सुनते हैं तो उनके दिल में दर्द होता है. लेकिन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी व विधानसभा में विपक्ष के नेता अब्दुल मन्नान के अड़ियल रवैये की वजह से कांग्रेस टूट रही है. उन्होंने इस संबंध में कांग्रेस के आलाकमान का ध्यान आकर्षित किया है.