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सिलीगुड़ी-फूलबाड़ी सीमा पर बढ़ी सैलानियों की संख्या
सिलीगुड़ी : भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थित सिलीगुड़ी-फूलबाड़ी इमिग्रेशन चेकपोस्ट का महत्व लगातार बढ़ रहा है. फूलबाड़ी चेकपोस्ट के रास्ते भारत-बांग्लादेश के सैलानियों के आवागमन का ग्राफ दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है. हालांकि सैलानी इस नवनिर्मित चेकपोस्ट पर सुविधाओं के अभावों का आरोप भी लगा रहे हैं. सैलानियों की सबसे बड़ी समस्या यातायात को लेकर […]
सिलीगुड़ी : भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थित सिलीगुड़ी-फूलबाड़ी इमिग्रेशन चेकपोस्ट का महत्व लगातार बढ़ रहा है. फूलबाड़ी चेकपोस्ट के रास्ते भारत-बांग्लादेश के सैलानियों के आवागमन का ग्राफ दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है. हालांकि सैलानी इस नवनिर्मित चेकपोस्ट पर सुविधाओं के अभावों का आरोप भी लगा रहे हैं. सैलानियों की सबसे बड़ी समस्या यातायात को लेकर है.विदित हो कि इसी वर्ष के 18 फरवरी को सिलीगुड़ी से सटे भारत-बांग्लादेश सीमा पर स्थित फूलबाड़ी में इमिग्रेशन चेकपोस्ट चालू किया गया. चेकपोस्ट चालू होने के बाद ही सीमा के इस पार फूलबाड़ी और उस पार बांग्लादेश के बांग्लाबांदा सीमांत से पासपोर्ट-वीजा के साथ दोनों देशों के वाशिदों की आवाजाही भी शुरु हो गयी.
फूलबाड़ी इमिग्रेशन चेकपोस्ट के अधिकारियों का कहना है कि इस सीमांत से जितनी अधिक संख्या में दोनों देशों के लोग आवागमन करेंगे, फूलबाड़ी का उतना ही अधिक महत्व बढ़ेगा और साथ ही पर्यटन उद्योग को भी बढ़ावा मिलेगा. इस वर्ष फरवरी-जुलाई के बीच फूलबाड़ी सीमांत से भारत-बांग्लादेश के कुल 3287 सैलानियों ने आवागमन किया. इनमें भारत की तुलना में बांग्लदेशी सैलानियों की संख्या काफी अधिक है.
आधिकारिक सूत्रों से मिले आंकड़ों के अनुसार इस सीमांत से फरवरी में 44, मार्च में 295, अप्रैल में 473, मई में 562, जून में 600, जुलाई में 851 बांग्लादेशी सैलानियों ने आवागमन किया. वहीं, भारतीय सैलानियों की संख्या फरुवरी में 33, मार्च में 95, अप्रैल में 73, मई में 104, जून में 88 और जुलाई में 79 रही. बांग्लादेशी सैलानी फूलबाड़ी सीमांत के रास्ते पहले सिलीगुड़ी पहुंचते हैं और फिर घूमने के लिए दार्जिलिंग-सिक्किम के अलावा डुवार्स की ओर रूझान करते हैं.
फूलबाड़ी इमिग्रेशन चेकपोस्ट पर आये बांग्लादेशी सैलानियों के छह प्रतिनिधियों के ग्रुप ने इस चेकपोस्ट के चालू होने से जहां काफी खूशी जाहिर की वहीं, चेकपोस्ट पर मूलभूत सुविधाओं के अभाव पर रोष भी प्रकट किया. शेख मोहम्मद नामक एक सैलानी ने बताया कि यहां सबसे बड़ी समस्या यातायात की है. वाहनों की काफी कमी है. साथ ही आराम करने के लिए होटल, लॉज, खाने-पीने के होटल, रेस्तरां, पेयजल, जरूरी सामान खरीदने की दुकानों के न होने से काफी समस्या हो रही है.
क्या कहना है एथवा का
इस्टर्न हिमालया ट्रेवल्स एंड टूर ऑपरेटर्स एसोसिएशन (एथवा) के कार्यकारी अध्यक्ष सम्राट सान्याल का कहना है कि फूलबाड़ी सीमांत से बांग्लादेशी सैलानियों को दार्जिलिंग पार्वत्य क्षेत्र में भेजने के लिए इसी वर्ष के जनवरी महीने में बांग्लादेशी टूर ऑपरेटरों का एक प्रतिनिधिमंडल ने संपर्क किया था. फिलहाल फूलबाड़ी सीमांत से यातायात ही सबसे मूल समस्या है.
फिलहाल ढाका से चेंगड़ाबांधा सीमांत से सिलीगुड़ी तक अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त बस सेवा चालू है. एशियन हाइवे का काम पूरा होते ही जल्द ही फूलबाड़ी सीमांत से भी बस सेवा शुरू हो जायेगी और फूलबाड़ी का महत्व बढ़ जायेगा. इसके साथ ही पर्यटन उद्योग को भी और बढ़ावा मिलेगा.
मंत्री को दी गयी समस्याओं की जानकारी
श्री सान्याल का कहना है कि फूलबाड़ी सीमांत में सैलानियों को किसी तरह की असुविधा न हो, इसके लिए पर्यटन मंत्री से मुलाकात कर विदेशी मुद्रा विनिमय केंद्र, ठहरने योग्य अत्याधुनिक होटल, लॉज, रेस्तरां, खाने-पीने के दुकान, पेयजल, वेटिंग रूम, सुलभ शौचालय, फूलबाड़ी सीमांत तक यात्री वाहनों के अलावा अन्य सुविधा बढ़ाने की मांग की जा चुकी है. मंत्री ने यहां मूलभूत सुविधाओं के और विकास करने का आश्वासन भी दिया है.
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