इसके साथ ही 18 मोबाइल वैन भी इस काम में लगे हुए हैं, जो घूम-घूम कर बाजार से कम कीमत पर साग-सब्जी, आलू, चावल दाल इत्यादि लोगों को उपलब्ध कराते हैं. राज्य कृषि विपणन विभाग की संयुक्त सचिव मिताली बंद्योपाध्याय ने बताया कि अब हमारी योजना राज्य आवास विभाग के सभी आवासनों में सुफल बांग्ला का आउटलेट खोलने की है. इसके लिए आवास विभाग से बात भी हो गयी है. सुफल बांग्ला के आउटलेट को अधिक आकर्षित बनाने के लिए पशु संसाधान विभाग की सहायता से चिकन, अंडे, दूध इत्यादि भी बेचे जा रहे हैं. हमारी योजना राज्य के प्रत्येक जिले में सुफल बांग्ला का शोरूम खोलने की है. इस संबंध में हम लोगों ने प्रत्येक जिला के डीएम को पत्र लिख कर पांच स्थानों को चिह्नित करने के लिए कहा है.
हमारी योजना आैर अधिक एफपीआे तैयार करना और उन्हें प्रशिक्षित करना है. प्रशिक्षण के लिए उन्हें दिल्ली भी भेजा जायेगा. संयुक्त सचिव ने कहा कि फिलहाल सरकार सभी एफपीआे को आर्थिक सहायता भी प्रदान कर रही है, पर हमारा लक्ष्य भविष्य में उन्हें स्वनिर्भर बनाना है. उन्होंने दावा किया कि आलू में मिट्टी व रंग मिलाये जाने के खिलाफ चलाये गये अभियान को बड़ी कामयाबी मिली है. अन्य सब्जियों में भी रंग मिलाये जाने की घटना को रोकने के लिए हम लोगों ने स्वास्थ्य विभाग से अभियान चलाने का अनुरोध किया है.