कोलकाता : गहरे समुद्र में आये चक्रवाती तूफान और भारी बारिश के चलते आठ अगस्त को लापता हुए सुंदरवन के मछुआरों में से पांच के शव बरामद हुए हैं, जबकि भारतीय तटरक्षक और बांग्लादेशी नौसना के संयुक्त बचाव अभियान में 15 मछुआरों को बचा लिया गया है. जिला प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि कई अन्य मछुआरे अब भी लापता हैं और उन्हें खोजने के लिए बंगाल की खाड़ी में बड़े पैमाने पर बचाव अभियान जारी है.
तटरक्षक बल के अधिकारियों ने बताया कि महागौरी नामक मछली पकड़ने की नौका (ट्रॉलर) के समुद्री तूफान में डूब जाने का अंदेशा है और इसमें सवार मछुआरों में से पांच मृत मिले हैं जबकि दो को बचा लिया गया है.दक्षिण 24 परगना के जिला मजिस्ट्रेट पीबी सलीम ने बताया कि एक अन्य नाव ट्रॉलर एफबी प्रसन्नजीत अंतरराष्ट्रीय सागर में मिली है और उसमें सवार 13 मछुआरे सुरक्षित हैं. दो भारतीय नौकाओं को बांग्लादेश की ओर भेजा गया है और भारतीय तटरक्षक बल तथा बांग्लादेश की नौसेना संयुक्त बचाव अभियान चला रहे हैं. सलीम ने बताया कि सात और आठ अगस्त की रात दक्षिण 24 परगना के विभिन्न इलाकों से लगभग 200 ट्रॉलर समुद्र में उतरे थे और चक्रवती तूफान के कारण उनमें से आठ लापता हो गये थे. उन्होंने बताया कि तटरक्षक दल, जिला बचाव दल और मछुआरा संघ संयुक्त रूप से तलाश और बचाव अभियान चला रहे हैं और अब तक हमें छह जहाज सुरक्षित मिले हैं.
बांग्लादेश की नौसेना के जहाज और भारतीय तटरक्षक के जहाज के अलावा इस संयुक्त अभियान में डोर्नियर विमान को भी काम पर लगाया गया है. तटरक्षक बल के एक अधिकारी ने बताया कि अब ज्यादातर तलाश अभियान अंतरराष्ट्रीय समुद्र सीमा क्षेत्र में किये जा रहे हैं. पश्चिम बंगाल मछुआरा संघ के अध्यक्ष जयकृष्ण हल्दर ने बताया कि रविवार तड़के बंगाल की खाड़ी में जंबूद्वीप से 130 किमी दूर सुंदरवन में पांच मछुआरों के शव तैरते मिले थे, जबकि एक मछुआरे को बचा लिया गया था. बांग्लादेश तटीय पुलिस ने छह मछुआरों को बचा लिया है और शनिवार की रात बांग्लादेश के साथ लगनेवाली समुद्री सीमा के नजदीक कैंडों में उन्हें संघ के हवाले कर दिया है.
पश्चिम बंगाल मछुआरा संघ के अध्यक्ष जयकृष्ण हाल्दर और सचिव बिजन माइति ने बताया कि चार जहाजों में सवार होकर समुद्र में मछली पकड़ने गये 30 मछुआरे लापता हो गये थे. संघ ने दस जहाजों की मदद से लापता मछुआरों की स्वतंत्र खोज शुरू की थी. तटरक्षक दल के बंगाल की खाड़ी में अब तक के सबसे बड़े इस बचाव अभियान में 18 ट्रॉलरों में सवार 250 मछुआरों को बचाया जा चुका है. श्री हाल्दार और माइती ने कहा कि 30 मछुआरों समेत चार ट्रॉलर अब भी लापता हैं. हम और तटरक्षक दल एक साथ तलाश करेंगे तो हो सकता है कि समय रहते मदद पहुंचायी जा सके. चार लापता ट्रॉलरों में से दो की पहचान एफबी महागौरी और एफबी पल्लवी के रूप में की गयी है. मारे गये मछुआरों के परिजनों को सरकार ने आर्थिक मदद देने का एलान किया है. राज्य सरकार प्रत्येक मछुआरे के परिजनों को दो-दो लाख रुपये का मुआवजा देगी.