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सरकारी व निजी स्कूलों में विशेष जागरूकता अभियान

कोलकाता: एक निजी स्कूल में डेंगू से पीड़ित दो बच्चों की मृत्यु की खबर के बाद राज्य के निजी स्कूल काफी सावधानी बरत रहे हैं. कई स्कूलों में डेंगू के प्रति जागरूकता व सफाई को लेकर विशेष अभियान चलाये जा रहे हैं. स्कूल प्रशासन की ओर से शिक्षकों को भी विशेष सावधानी बरतने व छात्रों […]

कोलकाता: एक निजी स्कूल में डेंगू से पीड़ित दो बच्चों की मृत्यु की खबर के बाद राज्य के निजी स्कूल काफी सावधानी बरत रहे हैं. कई स्कूलों में डेंगू के प्रति जागरूकता व सफाई को लेकर विशेष अभियान चलाये जा रहे हैं. स्कूल प्रशासन की ओर से शिक्षकों को भी विशेष सावधानी बरतने व छात्रों की ओर विशेष फोकस करने के लिए कहा जा रहा है. स्कूल में छात्रों को फुल पैंट पहनकर आने के लिए कहा जा रहा है. स्कूलों में ब्लीचिंग पाउडर के छिड़काव के साथ-साथ हर कोना साफ रखने की हिदायत दी जा रही है. सफाई को लेकर अभिभावकों को भी विशेष निर्देश दिये जा रहे हैं.
क्या कहना है स्कूलों का
दक्षिण कोलकाता के एक स्कूल की प्रिंसिपल ने बताया कि इन दिनों पढ़ाई से ज्यादा सफाई पर ध्यान दिया जा रहा है. किसी भी कोने में पानी न जमा हो, या मच्छरों का ढेर न हो, इसके लिए सफाई कर्मचारियों को हिदायत दी जा रही है. शिक्षक खुद खड़े होकर सफाई का मुआयना कर रहे हैं. हम चाहते हैं कि स्कूल में पढ़नेवाला हर बच्चा स्वस्थ व सुरक्षित रहे. कुछ निजी स्कूल अपने बच्चों को फुल स्लीवस शर्ट व ट्राउसर पहनकर आने की हिदायत दे रहे हैं. वहीं, सरकारी स्कूलों में भी स्वास्थ्य केंद्र की ओर से नियमित मुआयना किया जा रहा है. इस विषय में चांपदानी आदर्श श्रमिक विद्यालय के हेडमास्टर कमलेश तिवारी ने बताया कि बच्चों को जागरूक करने के लिए एक शपथ-पत्र साइन करवाया जा रहा है, जिसमें यह लिखा हुआ है कि हम स्कूल व घर में सफाई का ध्यान रखेंगे. न गंदगी करेंगे, न करने देंगे. बच्चों को सफाई का महत्व भी बताया जा रहा है, ताकि किसी भी बीमारी से उनको बचाया जा सके. अभी निर्मल विद्यालय अभियान के तहत भी सफाई पर विशेष फोकस किया जा रहा है.
बिरलापुर विद्यालय (बजबज) के हेडमास्टर प्रमोदपति त्रिपाठी ने बताया कि सरकारी स्कूलों की अपनी समस्या है. यहां खुली जगह है तो बरसात में पानी भी जमा होगा. कोशिश यही रहती है कि पूरी सफाई रखी जाये या गंदे पानी का जमाव न हो. ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव भी किया जा रहा है. अभी सफाई ही महत्वपूर्ण काम बन गया है. वहीं, आदर्श हिंदी हाइस्कूल के हेडमास्टर डॉ बीबी सिंह ने बताया कि सरकारी स्कूलों में निजी स्कूलों की तरह इन्फ्रास्ट्रक्चर नहीं है.

यहां मिड डे मील बनता है, हजारों बच्चे मील खाते हैं. ऐसे में गंदगी तो होगी ही, फिर भी इन दिनों सफाई पर ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है. छात्रों को खाने से पहले व बाद में हाथ धोने की फिर से ट्रेनिंग दी जा रही है. इसमें शिक्षक भी काफी सक्रिय हो रहे हैं. स्कूल में साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. शिवपुर हिंदी एमसी जूनियर डे स्कूल के हेडमास्टर मोहन कुमार रजक ने जानकारी दी कि स्कूल में ब्लीचिंग पाउडर के छिड़काव के अलावा सफाई पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. डेंगू के प्रति सचेतनता को लेकर निजी व सरकारी दोनों ही स्कूलों में पैरेंटस मीटिंग भी की जा रही है, ताकि बच्चों को इसकी चपेट से दूर रखा जाये.

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