ये बातें न्यायमूर्ति पिनाकीचंद्र घोष ने कही. वह शनिवार को यहां डॉयरेक्ट टैक्स प्रोफेसनल एसोसिएशन द्वारा आयोजित एक राष्ट्रीय सेमिनार को संबोधित कर रहे थे. संगोष्ठी का उदघाटन न्यायमूर्ति पिनाकीचंद्र घोष और न्यायमूर्ति आरके अग्रवाल ने किया. श्री अग्रवाल ने कहा कि देश के आर्थिक विकास में आयकर का काफी योगदान है.
लोगों को चाहिए की वे सरकार का सहयोग करें और सरकार को भी लोगों की समस्याओं का निवारण करना चाहिए. एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनील सुराना ने संगठन के वर्षभर के कार्य की रूपरेख पेश की. नारायण जैन ने कहा कि देश में टैक्स संस्कृति के विकास पर सक्रिय रूप से निती बनानी होगी.
सरकार एक कमेटी बनाये तो इसकी कार्य योजना तैयार करे. वर्तमान में भारत में आठ लाख करोड़ रुपये टैक्स की वसूली होती है. यदि इस राशी का एक प्रतिशत भी टैक्स संस्कृति के विकास में खर्च हो तो काफी बेहतर परिणाम मिल सकता है. केंद्रीय प्रत्यक्ष बोर्ड के सदस्य गोपल मुखर्जी ने कहा कि कर दाताओं को आय घोषणा योजना का पूरा लाभ लेना चाहिए. मौके पर प्रधान आयकर आयुक्त एए शंकर, प्रधान आयकर आयुक्त आशीष वर्मा, एनएम रानका, डॉ एएल सैनी, एसआर बाधवा, भूपेंद्र साहा ने भी अपना विचार व्यक्त किया. निर्मल पोद्दार, आरएस उपाध्याय, पवन अग्रवाल, विकास पारख, संजय बाजोरिया, अरवींद्र अग्रवाल मौजूद थे.