कोलकाता. पूर्व क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र की ओर से विश्व का सबसे बड़ा थियेटर फेस्टिवल और ‘वाद्य विथिका’ का उद्घाटन राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी ने किया, जिसमें 20 राष्ट्रीय पदकधारी और प्रदर्शनी कला व थियेटर क्षेत्र के कलाकार मौजूद थे. श्री त्रिपाठी ने कहा कि यह पर्व न केवल कोलकाता के गाैरवशाली अतीत और रचनात्मक कार्यों को प्रदर्शित करता है, बल्कि यह नवोदित थियेटर निर्देशकों और कलाकारों के लिए मंच भी प्रदान करता है.
उन्होंने संग्रहालय के क्यूरेट और डिजाइनर डाॅ ओमप्रकाश भारती और उनकी टीम को अपने स्वागत भाषण में बधाई दी. श्री त्रिपाठी ने विविध लोक और जनसमुदाय के सांस्कृतिक इतिहास, दर्शन, विचारधारा, जीवनशैली और उनके जीवनचर्या के साधनों को उनके वाद्य यंत्रों के विकास से जोड़ते हुए विस्तारपूर्वक कलाकृतियों के बारे में जानकारी दी.
संग्रहालय के उद्घाटन के बाद ‘कोलकाता थियेटर यात्रा’ पर चित्र प्रदर्शनी का उद्घाटन राष्ट्रीय पदकधारियों की उपस्थिति में किया गया. प्रस्तुत प्रदर्शनी में 1757 से कोलकाता थियेटर की समृद्ध परंपरा और विकास को दर्शाया गया व उत्पल दत्त, शंभु मित्र और अन्य की लगभग 60 दुर्लभ पत्रिकाएं, वेशभूषा और रंगमंच की सामग्री की प्रतिकृति को भी प्रदर्शित किया गया. समारोह के उद्घाटन के पहले प्रख्यात अभिनेता निर्देशक और नाटककार स्वर्गीय कावलम नारायण पणिक्कर व प्रख्यात साहित्यकार और सामाजिक कार्यकर्ता पद्मश्री महाश्वेता देवी और थियेटर आलोचक स्वर्गीय नीलाभ अश्क की स्मृति में शोक सभा आयोजित की गयी.