बीएसएफ व बीजीबी आइजी स्तर के सम्मेलन में कई अहम मुद्दों पर हुई चर्चा
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साझा प्रयास से और बेहतर हो सकती है सीमा पर सुरक्षा
बीएसएफ व बीजीबी आइजी स्तर के सम्मेलन में कई अहम मुद्दों पर हुई चर्चा खुफिया सूचनाओं को साझा करने से बेहतर होगा अग्रिम सूचनाओं का आदान-प्रदान : आइजी कोलकाता : भारत-बांग्लादेश सीमावर्ती क्षेत्रों की सुरक्षा व्यवस्था दोनों देश के साझा प्रयास से और बेहतर हो सकती है. इससे घुसपैठ, तस्करी समेत कई आपराधिक मामलों पर […]
खुफिया सूचनाओं को साझा करने से
बेहतर होगा अग्रिम
सूचनाओं का
आदान-प्रदान : आइजी
कोलकाता : भारत-बांग्लादेश सीमावर्ती क्षेत्रों की सुरक्षा व्यवस्था दोनों देश के साझा प्रयास से और बेहतर हो सकती है. इससे घुसपैठ, तस्करी समेत कई आपराधिक मामलों पर अंकुश लगाने में मजबूती मिलेगी. इसके लिए जरूरी है कि व्यवस्था के तहत दोनों देश के बीच निरंतर बातचीत हो. अपराध रोकने के लिए खुफिया सूचना साझा करना ही नहीं,
बल्कि संभव हो तो संबंधित मामलों को लेकर अग्रिम सूचना देनी भी काफी अहम है. ऐसे ही कई अहम मसलों पर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और बार्डर गार्ड ऑफ बांग्लादेश (बीजीबी) के आइजी स्तर के सम्मेलन में चर्चा की गयी. यह जानकारी बीएसएफ, उत्तर बंगाल फ्रंटियर के आइजी कमल नयन चौबे ने शुक्रवार को दी. सम्मेलन 26 जुलाई को शुरू हुआ था,
जिसका समापन शुक्रवार को हुआ. इसमें बांग्लादेश के नॉर्थ वेस्ट रिजन, रंगपुर के रिजनल कमांडर, ब्रिगेडियर जनरल शहरयार अहमद चौधरी के नेतृत्व में बीजीबी के 20 सदस्यीय दल भारत आया था. भारत का नेतृत्व बीएसएफ, नॉर्थ बंगाल फ्रंटियर के आइजी कमल नयन चौबे ने किया. शुक्रवार को बीएसएफ और बीजीबी अधिकारियों ने ज्वाइंट डिसक्शन रिकार्ड पर हस्ताक्षर किये. आइजी श्री चौबे ने बताया कि काॅन्फ्रेंस का मुख्य मकसद भारत-बांग्लादेश सीमावर्ती क्षेत्रों में होनेवाली समस्याओं और उसका समाधान निकालना, दोनों देश के बीच बेहतर संबंध को और मजबूती प्रदान करना था.
फिलहाल बांग्लादेश की परिस्थिति थोड़ी विषम है. ढाका में हुए आतंकी हमले में मारे गये लोगों के प्रति श्री चौबे ने संवेदना जतायी. उन्होंने कहा कि दोनों देश के बीच घुसपैठ रोकना काफी जरूरी है. काॅन्फ्रेंस में जाली नोटों, मादक द्रव्यों, हथियारों की तस्करी और घुसपैठ पर अंकुश लगाने आदि पर चर्चा की गयी.
सीमा के करीब 150 मीटर के दायरेवाले इलाके में विकास मूलक कार्य के लिए दूसरे देश से अनुमति लेने का प्रावधान है. सीमा सुरक्षा बल की ओर से बीजीबी अधिकारियों को देश के ऐसे इलाकों में
विकासमूलक कार्य के लिए अनुमति दिये जाने पर जोर दिया गया. मौजूदा समय में बांग्लादेश गंभीर हालत के मद्देनजर घुसपैठ रोकने के लिए रणनीति तैयार की गयी. श्री चौबे का कहना है कि घुसपैठ के दौरान पकड़े जाने के बाद कई बार दावा किया जाता है कि आरोपी गलती से दूसरे देश की सीमा में प्रवेश कर गया. लेकिन भूलवश दूसरे देश की सीमा में प्रवेश किये जाने के मामले काफी कम होते हैं. पिछले छह महीने में बीएसएफ नॉर्थ फ्रंटियर के जवानों ने घुसपैठ के आरोप में करीब 2,473 लोगों को पकड़ा.
जांच के बाद पता चला कि करीब 518 लोग भूलवश देश की सीमा में घुस आये थे,
जिन्हें वापस बीजीबी के हवाले कर दिया गया, पकड़े गये शेष लोगों पर कानूनी कार्रवाई की गयी. ज्यादातर पर अवैध रूप से घुसपैठ करने, जाली नोटों का प्रचलन करने की कोशिश, पशु तस्करी, मादक द्रव्यों की तस्करी, सोना की तस्करी का आरोप था. यही घटनाएं मुख्य रूप से सीमा क्षेत्र की प्रमुख समस्याएं हैं. काॅन्फ्रेंस में घुसपैठ के अलावा पशु तस्करी, सोना व मादक द्रव्यों की तस्करी, जाली नोटों की तस्करी जैसे समस्याओं पर चर्चा व इससे जुड़ी घटनाओं की सूची एक-दूसरे को दी गयी.
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