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ऋण की हैटट्रिक करने जा रही है राज्य सरकार
कोलकाता. राज्य की ममता बनर्जी सरकार फिर से ऋण लेने जा रही है. दूसरी बार सत्ता में आने के दो महीने के अंदर राज्य सरकार तीसरी बार कर्ज लेने जा रही है. ममता बनर्जी ने मुख्यमंत्री के रूप में अपनी दूसरी पारी 27 मई को शुरू की थी, इस अल्पावधि में ही ममता बनर्जी खुले […]
कोलकाता. राज्य की ममता बनर्जी सरकार फिर से ऋण लेने जा रही है. दूसरी बार सत्ता में आने के दो महीने के अंदर राज्य सरकार तीसरी बार कर्ज लेने जा रही है. ममता बनर्जी ने मुख्यमंत्री के रूप में अपनी दूसरी पारी 27 मई को शुरू की थी, इस अल्पावधि में ही ममता बनर्जी खुले बाजार से ऋण लेने का हैटट्रिक करने जा रही हैं.
जानकारी के मुताबिक, आगामी 26 जुलाई को राज्य सरकार बाजार से एक हजार करोड़ रुपये का कर्ज लेने जा रही है. इससे पहले 14 जून को सरकार ने दो हजार करोड़ का कर्ज लिया था. उसके बाद 12 जुलाई को खुले बाजार से देढ़ हजार करोड़ का ऋण लिया. कुल मिला कर पिछले दो महीने में खुले बाजार से लिए गये ऋण की मात्रा साढ़े चार हजार करोड़ रुपये तक जा पहुंचेगी.
गौरतलब है कि मई 2011 से मार्च 2016 तक तृणमूल सरकार बाजार से एक लाख 13 हजार करोड़ रुपये का कर्ज ले चुकी है. ऋण लेने की यही गति अगर बनी रही तो मार्च 2017 तक राज्य के कुल ऋण का परिमाण तीन लाख 34 हजार करोड़ रुपये तक जा पहुंचेगा.
हालांकि मई 2011 से पहले तत्कालीन वाममोरचा सरकार ने एक लाख 92 हजार करोड़ रुपये का कर्ज ले रखा था, जिसमें से 72 हजार करोड़ रुपये खुले बाजार से आैर 79 हजार करोड़ रुपये छोटी बचत संस्थानों से कर्ज लिये थे. जानकारों का मानना है कि वेतन, पेंशन व सरकार के रोजमर्रा के कामकाज समेत कई प्रकार के खर्च के लिए बाजार से ऋण लेने के अलावा ममता सरकार के पास आैर कोई चारा नहीं है. ऐसा करने से आर्थिक संकट कुछ समय के लिए तो टल जाता है, पर हकीकत तो यह है कि राज्य ऋण के दलदल में डूबता जा रहा है.
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