नारायणगढ़ से अमर शक्ति
कभी माकपा का गढ़ कहे जाने वाले नारायणगढ़ में आज सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस का राज है. विधानसभा चुनाव के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पश्चिम मेदिनीपुर के नारायणगढ़ से अपना जिला दौरा शुरू किया और यहां से पूरे जिले के आर्थिक व सामाजिक विकास के लिए कई नयी योजनाओं की घोषणा की. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नारायणगढ़ के लोगों की वर्षों की मांग को पूरा करते हुए यहां एक सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल व एक कॉलेज बनाने की घोषणा की.
उन्होंने कहा कि विकास करना तृणमूल कांग्रेस की सरकार का नशा है और विकास का नशा ही हमारा पेशा है. राज्य की जनता का सामग्रिक विकास ही इस सरकार का लक्ष्य है. उन्होंने कहा कि बेलदा हॉस्पिटल के पास की खाली सरकारी जमीन पर 65 करोड़ रुपये की लागत से 300 बेडों की सुविधावाला अस्पताल का निर्माण किया जायेगा. इसके साथ ही उन्होंने नारायणगढ़ के रथिपुर में 10 एकड़ जमीन पर कॉलेज की स्थापना करने का ऐलान किया. इसके साथ-साथ मुख्यमंत्री ने यहां खाद्य गोदाम बनाने की घोषणा की. इन तीन प्रमुख योजनाओं के साथ साथ मुख्यमंत्री ने यहां 14 योजनाओं का शिलान्यास व 32 योजनाओं का उद्घाटन किया. इसके अलावा उन्होंने कार्यक्रम के दौरान लगभग 16 हजार लोगों के बीच कन्याश्री, शिक्षाश्री, गतिधारा सहित विभिन्न योजनाओं के तहत आर्थिक सहायता प्रदान की.
गौरतलब है कि नारायणगढ़ विधानसभा क्षेत्र इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यहां से माकपा के राज्य सचिव डॉ सूर्यकांत मिश्रा चुनाव में खड़े हुए थे, जिन्हें तृणमूल कांग्रेस के प्रत्याशी प्रद्युत कुमार घोष ने हराया. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने वादे के मुताबिक नारायणगढ़ से जिला दौरा शुरू किया. उन्होंने कहा कि आठ अप्रैल को उन्होंने यहां के लोगों से जो वादा किया था, उसे पूरा करने के लिए आयी हैं. नारायणगढ़ में हॉस्पिटल बनाने के विचार के संबंध में उन्होंने कहा कि जब वह पिछली बार यहां आयी थीं, उस समय दो युवकों ने यहां अस्पताल बनाने का आवेदन किया था. उन दो युवकों के आवेदन को ध्यान में रखते हुए वह यहां अस्पताल बनाने जा रही हैं. उन्होंने कहा कि वह कुछ दिनों बाद यहां आयेंगी और यहां अस्पताल व कॉलेज का शिलान्यास करेंगी. मंगलवार को मुख्यमंत्री झाड़ग्राम में प्रशासनिक बैठक करेंगी. झाड़ग्राम को मुख्यमंत्री नया जिला घोषित कर चुकी हैं.
केरोसिन के कोटे में हुई कमी के खिलाफ मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को लिखा पत्र
राज्य को मिलनेवाले केरोसिन के कोटे में हुई कमी के खिलाफ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पहले ही आवाज उठा चुकी हैं. अब इस मुद्दे पर उन्होंने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है. प्रधानमंत्री को भेजे पत्र में मुख्यमंत्री ने लिखा है कि केरोसिन के कोटे में कमी किये जाने के इस फैसले से दूरदराज के इलाको में रहने वाले लोग, अनुसूचित जाति व जनजाति, गरीब, अल्पसंख्यक एवं आर्थिक रूप के कमजोर लोग सबसे अधिक प्रभावित होंगे.
मुख्यमंत्री ने लिखा है कि राशन की सुविधा उचित लोगों तक ही पहुंचाने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने कई कड़े कदम उठाये हैं आैर अब तक राज्य भर में 1.41 करोड़ फर्जी राशन कार्ड रद्द किये गये हैं. राशन वितरण प्रणाली पर कड़ी नजर रखी जा रही है आैर इस बात का खास ख्याल रखा जा रहा है कि केवल सही लोगों को ही इसका लाभ पहुंचे. मुख्यमंत्री ने आगे लिखा है कि केरोसिन तेल गरीब लोगों के घरों व चुल्हे को रोशन करने के लिए सबसे आवश्यक सामग्री है. इस फैसले से गरीब घरों के बच्चों की शिक्षा भी प्रभावित होगी. मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में प्रधानमंत्री से आवेदन किया है कि केंद्र सरकार अपने फैसले की समीक्षा करे अौर राज्य को मार्च 2016 तक जितना केरोसिन तेल दिया जाता था, फिर से उतना कोटा मंजूर किया जाये.
अरुण जेटली से मिलेंगी ममता
इस महीने के अंत में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आैर केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली के बीच मुलाकात होने की संभावना है. सूत्रों के अनुसार इस बैठक में तृणमूल आैर भाजपा के बीच मुद्दों पर आधारित समन्वय पर सहमति बनने की संभावना है. हाल के दिनों में असम विधानसभा चुनाव और राज्यसभा चुनाव में मिली जीत के बाद भाजपा जीएसटी समेत कई महत्वपूर्ण बिलों को पास कराने के लिए क्षेत्रीय दलों के साथ अच्छे रिश्ते बनाने के लिए आैर ज्यादा प्रयास करने की पहल कर रही है. जीएसटी बिल के मुद्दे पर राज्यों के वित्त मंत्रियों की अधिकार प्राप्त समिति की दो दिवसीय बैठक मंगलवार से महानगर में आरंभ होने जा रही है. समिति के अध्यक्ष पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री की अध्यक्षता में होनेवाली इस बैठक के पहले दिन केंद्रीय वित्त अरुण जेटली भी भाग लेंगे. श्री जेटली वित्त मंत्रालय के साथ-साथ सूचना व प्रसारण मंत्रालय की जिम्मेदारी भी संभाल रहे हैं. आगामी 28 जून को महानगर में ऑल इंडिया रेडियो का एक कार्यक्रम होने वाला है. प्रसार भारती ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है. सूत्रों के अनुसार इस कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली आैर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अलग से एक-दूसरे के साथ बैठक कर सकते हैं. भाजपा ने स्पष्ट कर दिया है कि हाल ही में हुए द्विवार्षिक चुनाव में भाजपा की राज्यसभा में संख्या में इजाफा होने के बाद से वह जीएसटी बिल को पास करवाने की अपनी कोशिश को तेज करेगी. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी हाल ही में जीएसटी के प्रति अपना समर्थन व्यक्त कर चुकी हैं. जानकारों का मानना है कि ऐसे में अरुण जेटली आैर ममता बनर्जी के बीच होने वाली यह संभावित बैठक भाजपा आैर तृणमूल कांग्रेस के बीच की दूरियों को थोड़ा कम करने में सहायक सिद्ध हो सकती है.