कोलकाता. सारधा मामले की सुनवाई के लिए सोमवार को बैंकशाल कोर्ट में पेशी के दौरान तृणमूल कांग्रेस के निलंबित राज्यसभा के सांसद कुणाल घोष ने इस बार कोर्ट परिसर में माननीय न्यायाधीश के सामने आत्महत्या की धमकी दी.
उसने चेतावनी भरे स्वर में कहा : पहले मैंने जेल के अंदर जान देने की कोशिश की थी, इस बार अगर मेरी बातें नहीं सुनी गयी तो इस बार अदालत में सबके सामने (जज समेत अन्य लोग) आत्महत्या करने पर बाध्य हो जाऊंगा. अदालत सूत्रों के मुताबिक, सारधा मामले में सुदीप्त सेन व देबयानी मुखर्जी के साथ कुणाल घोष को बैंकशाल कोर्ट के 21 नंबर सीएमएम अदालत में न्यायाधीश अरविंद मिश्र के कोर्ट में पेश किया गया था. यहां कुणाल ने सारधा मामले की जांच से संबंधित तीन वीडियो क्लिपिंग की सीडी अदालत में जमा करने का आवेदन किया गया.
कुणाल ने कहा : सारधा मामले में सीबीआइ जांच प्रभावित करने का कारण दिखा कर 23 नवंबर 2013 से अब तक मुझे जेल में रखे हुए हैं. मेरे साथ समान दोष करनेवाले आरोपी खुलेआम बाहर घूम रहे हैं. इधर सीबीआइ असली गुनाहगारों को खुला छोड़ कर जांच को बेवजह खींच कर समय बरबाद कर रही है. इसके पहले भी मैंने जांच में मदद करने के लिए कई तथ्य सीबीआइ अधिकारियों के हाथों में सौंपा था.
इस बार भी वीडियो सौंपने का आवेदन कर रहा हूं. मेरी गिरफ्तारी के बाद से मेरा परिवार पूरी तरह से टूट गया है. इसके पहले भी मैंने सारधा मामले में असली आरोपियों को गिरफ्तार नहीं करने पर जेल में आत्महत्या करने की धमकी दी थी, इसके बाद मैं जेल में आत्महत्या की कोशिश भी की थी. कुणाल ने जज के सामने सोमवार को अदालत परिसर में सुनवाई के दौरान कहा कि इस बार अगर मेरी बातें नहीं सुनी गयी और सारधा मामले में असली आरोपी अगर गिरफ्तार नहीं होते हैं तो अब मैं जेल में नहीं, बल्कि अदालत परिसर में सबके सामने आत्महत्या करूंगा. इस मामले में दोनों पक्ष की बातें सुनने के बाद न्यायाधीश ने कुणाल घोष समेत तीनों आरोपियों के जेल हिरासत की सीमा 27 जून तक बढ़ा दी है.