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केंद्र सरकार के फैसले पर सर्राफा व्यापारियों की मिलीजुली प्रतिक्रिया

कोलकाता. केंद्र सरकार के दो लाख की जगह पांच लाख से अधिक के आभूषणों की खरीदारी पर एक फीसदी टीसीएस (टैक्स कलेक्शन एट सोर्स) लगाने के फैसले पर महानगर के सर्राफा व्यापारियों ने मिलीजुली प्रतिक्रिया दी है. एक फीसदी कर लगाने के खिलाफ आभूषण कारोबारियों ने 45 दिन की हड़ताल की थी. इसमें देश को […]

कोलकाता. केंद्र सरकार के दो लाख की जगह पांच लाख से अधिक के आभूषणों की खरीदारी पर एक फीसदी टीसीएस (टैक्स कलेक्शन एट सोर्स) लगाने के फैसले पर महानगर के सर्राफा व्यापारियों ने मिलीजुली प्रतिक्रिया दी है. एक फीसदी कर लगाने के खिलाफ आभूषण कारोबारियों ने 45 दिन की हड़ताल की थी. इसमें देश को करीब 20 हजार करोड़ से अधिक का नुकसान उठाना पड़ा था. सरकार द्वारा सीमा बढ़ाने के बाद भी सर्राफा व्यापारियों में उत्साह नहीं देखा गया.
आरआर अग्रवाल ज्वेलर्स के डॉयरेक्टर रतनलाल अग्रवाल का कहना है कि सरकार का यह फैसला कुछ हद तक ठीक है, क्योंकि जहां अन्य व्यवसाय में दो लाख पर एक फीसदी तक टीसीएस लगता है, अब पांच लाख से अधिक पर कर दिये गये हैं. इससे सर्राफा व्यापारियों को थोड़ी राहत मिलेगी. उन्होंने कहा कि वे लोग छह करोड़ रुपये की जगह 15 करोड़ रुपये के काराबोर पर एक्साइज ड्यूटी लगाने व पंजीकरण की अनिवार्यता की मांग कर रहे हैं, ताकि छोटे व्यापारियों को राहत मिले. इसके मद्देनजर चार जून को इस बावत गठित अशोक लाहिड़ी कमेटी की बैठक होनी है.
बीसी जैन ज्वेलर्स के डॉयरेक्टर विमल चंद्र जैन का कहना है कि सरकार के नये फैसले में कुछ खास नहीं है, क्योंकि इसमें एक फीसदी टीसीएस अब दो लाख की जगह पांच लाख से अधिक पर लगेगा. मेरा तो मानना है कि सरकार का यह नया दावपेंच है. इसके साथ ही लगता है कि जीएसटी नियम भी जल्द ही लागू हो जायेगा.
नेमीचंद बामलवा एंड संस के डॉयरेक्टर मदनलाल बामलवा ने कहा कि केंद्र सरकार के इस निर्णय कुछ खास नहीं है, क्योंकि पहले यह सीमा पांच लाख रुपये थी, लेकिन सरकार इसे घटाना चाहती थी. अब विरोध के बाद फिर से दो लाख रुपये कर दी है. इससे व्यापारियों को बहुत ज्यादा राहत नहीं मिलनेवाली है. .
दीवान संस के डॉयरेक्टर विमल दीवान ने कहा कि नये नियम से स्वर्ण व्यवसायियों को थोड़ी राहत जरूर मिलेगी. इससे खरीदारी में भी बढ़ोतरी होगी, लेकिन पैन कॉर्ड की अनिवार्यता ज्यादा खरीदारी करनेवालों के लिए अभी भी परेशानी का सबब है.
इम्पेरियल के चेयरमैन प्रसन्न दूगड़ का कहना है कि केंद्र सरकार के इस फैसले से थोड़ी राहत है. इससे छोटे लेनदेन में थोड़ी राहत मिलेगी, लेकिन बड़े लेनदेन में कोई खास लाभ नहीं होगा. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा टीसीएस लगाना परेशानी भरा है, कोई भी खरीदार एक फीसदी टीसीएस नहीं देना चाहता है.
महावीर ज्वेलर्स, सिटी सेंटर साल्टलेक के डॉयरेक्टर विजय सोनी का कहना है कि केंद्र सरकार का यह फैसला राहत भरा व अच्छा कदम है, क्योंकि खरीदारों को कुछ राहत मिलेगी तथा इससे बिक्री बढ़ने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि हालांकि अभी भी परेशानी बनी हुई है, क्योंकि पांच लाख के बाद की खरीदारी पर यह लगेगा ही.

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