केंद्रीय मंत्री द्वारा आश्वासन मिलने के बाद सचिव सौमेन कोले ने बताया कि यह संस्थान बंगाल के साथ-साथ असम में कृषि विकास के लिए प्रयासरत है. कृषि विकास के साथ-साथ संस्था ग्रामीण क्षेत्रों में जरूरतमंद लोगों के विभिन्न उत्पादों का भी वितरण करती है. हुगली के धनियाखाली के गेटेगोड़ी जैसे ग्रामीण क्षेत्र में कार्यालय होने के बावजूद संस्था पिछले 35 वर्ष से यहां के 18 जिलों के 204 ब्लॉकों में कृषि विकास के कार्यों से जुड़ी हुई है. बिना किसी सरकारी फंड के संस्था के 6500 कर्मी अभियान को सफल बनाने में जुटे हुए हैं. अब इन साढ़े छह हजार कर्मचारियों का भविष्य सुधरनेवाला है.
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने संस्थान को एक ओटोनॉमस संवैधानिक संस्था करार देते हुए इसे ग्रामीण विकास के कार्यों में लगाने का निर्देश दिया था. केंद्र सरकार ने इस संबंध में अधिसूचना जारी की थी, लेकिन संस्थान को किसी प्रकार का फंड नहीं मिल रहा है. उन्होंने कहा कि संस्थान के नाम का कुछ लोग गलत प्रयोग कर रहे हैं, उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह से इस संबंध में राज्य सरकार को कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.