उन्होंने दावा किया कि मतगणना के बाद तृणमूल कांग्रेस सत्ता में नहीं रहेगी. मतदान के बाद होने वाली राजनीतिक हिंसा की घटनाओं के खिलाफ शुक्रवार को वामपंथी दलों व कई संगठनों की ओर से विरोध रैली निकाली गयी व धरना प्रदर्शन किया गया. धर्मतल्ला के निकट धरना-प्रदर्शन के दौरान डॉ सूर्यकांत मिश्रा भी मौजूद रहे थे. धरना प्रदर्शन मानवाधिकार संगठन ‘आक्रांतो आमरा’ की ओर से आयोजित किया गया था जिसमें सेव डेमोक्रेसी फोरम, वामपंथी महिला संगठन समेत युवा-छात्र संगठनों के नेता व कार्यकर्ता भी मौजूद रहे जहां सीटू नेता श्यामल चक्रवर्ती, कांग्रेस नेता अब्दुल मन्नान, माकपा नेता सुजन चक्रवर्ती, फारवर्ड ब्लॉक के नेता हाफिज आलम सैरानी समेत कई विशिष्ट लोगों ने अपना वक्तव्य रखा. दूसरी ओर राजा सुबोध मल्लिक स्क्वायर से धर्मतल्ला स्थित धरना-प्रदर्शन स्थल तक बंगाल प्लेटफार्म ऑफ मास आर्गेनाइजेशन (बीपीएमओ) की ओर से रैली निकाली गयी.
रैली का नेतृत्व सीटू के वरिष्ठ नेता श्यामल चक्रवर्ती, कोलकाता के पूर्व मेयर विकास रंजन भट्टाचार्य, मंजू कुमार मजूमदार, अनादि साहू ने किया जबकि इस मौके पर डीवाइएफआइ के शायनदीप मित्रा, जमीर मोल्ला, युवा लीग के सुदीप बनर्जी, अमोल देव राय, बड़ाबाजार युवा लीग के श्रीकांत सोनकर, तारकेश राय, जगन्नाथ गुप्ता, रवि सोनकर, संजय गुप्ता समेत कई वामपंथी संगठनों के नेता व कार्यकर्ता मौजूद रहे. धरना-प्रदर्शन के दौरान आक्रांतो आमरा नामक फोरम के अंबिकेश महापात्र ने मांग की है कि मतदान के दौरान व मतदान के बाद राजनीतिक हिंसा के शिकार तमाम लोगों को मुआवजा दिये जाने की व्यवस्था करायी जाये. इस बाबत मुख्य चुनाव अधिकारी को ज्ञापन भी सौंपा गया है. कथित तौर पर ज्ञापन में हिंसा के शिकार लोगों को मुआवजा की व्यवस्था आयोग से कराये जाने की मांग की गयी है.