कोलकाता. सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और वामपंथी दलों के नेता बुधवार को एक मंच पर दिखे. वे आरएसपी के दिवंगत नेता देवव्रत बंद्योपाध्याय की स्मरण सभा में शामिल हुए थे. सभा का आयोजन मौलाली युवा केंद्र में हुआ था. सभा में राज्य में वाम मोरचा के चेयरमैन विमान बसु, माकपा के राज्य सचिव डाॅ सूर्यकांत मिश्रा, आरएसपी नेता क्षिति गोस्वामी, भाकपा (माले) के कार्तिक पाल, शिक्षा मंत्री व तृणमूल नेता पार्थ चटर्जी समेत अन्य नेता और विशिष्ट लोग मौजूद थे.
राज्य में वाम मोरचा के चेयरमैन विमान बसु ने देवब्रत बंद्योपाध्याय को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि वामपंथी आंदोलनों में उनकी भूमिका काफी अहम रही थी. उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता है. जादवपुर विश्वविद्यालय की घटना का जिक्र करते हुए श्री बसु ने कहा कि दिवंगत नेता देवब्रत बंद्योपाध्याय भी जादवपुर विश्वविद्यालय के विद्यार्थी थे. वर्तमान समय में वह यदि जादवपुर विश्वविद्यालय के विद्यार्थी होते, तो शायद उन्हें भी देशद्रोही का नाम दिया जाता. वर्तमान में वामपंथी, लोकतांत्रिक व धर्मनिरपेक्ष समर्थकों को देशद्रोही का नाम दिये जाने की कोशिश की जा रही है.
उन्होंने सांप्रदायिकता को बढ़ावा देनेवाली शक्तियों की निंदा की. माकपा के राज्य सचिव डॉ सूर्यकांत मिश्रा ने कहा कि आरएसपी के नेता देवब्रत बंद्योपाध्याय हमेशा कहते थे कि लोगों के हित से जुड़े कार्य के लिए वामपंथी कभी आराम नहीं कर सकते.
यह बात सही है. मौजूदा समय में लोगों के हित के लिए वामपंथियों का आंदोलन कभी नहीं थमेगा. वे उनके लिए कार्य करते रहेंगे. इधर, मंत्री व तृणमूल नेता पार्थ चटर्जी ने कहा कि मुख्यमंत्री और तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी ने भी देवब्रत बंद्योपाध्याय के निधन पर शोक व्यक्त किया है. उनके निर्देश पर वह स्मरण सभा शामिल हुए हैं. मंत्री ने भी उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. भाकपा (माले) पोलित ब्यूरो के सदस्य कार्तिक पाल ने कहा कि आरएसपी के दिवंगत नेता देवब्रत बंद्योपाध्याय वामपंथी ताकतों की एकजुटता के समर्थक रहे हैं. वर्तमान में कई वामपंथी दल हैं, जो अपनी मूल नीतियों से भ्रमित हो रहे हैं. लोगों के हितों को पूरा करने और वामपंथी आंदोलनों को जारी रखने के लिए वामपंथी नीतियों का अनुसरण जरूरी है.