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उदारता को चुनौती : राज्यपाल

कोलकाता. महाराणा प्रताप एवं अकबर का युद्ध दो संप्रदायों का युद्ध नहीं था. वह दो संस्कृति और मानसिक प्रवृत्तियों का युद्ध था. इतिहास मौन होने से नहीं, मुखर होने से बनता है. महाराणा प्रताप के लिए मेवाड़ वही था, जो आज देश के प्रत्येक नागरिक के लिए भारत वर्ष है. महाराणा प्रताप ने कहा था […]

कोलकाता. महाराणा प्रताप एवं अकबर का युद्ध दो संप्रदायों का युद्ध नहीं था. वह दो संस्कृति और मानसिक प्रवृत्तियों का युद्ध था. इतिहास मौन होने से नहीं, मुखर होने से बनता है. महाराणा प्रताप के लिए मेवाड़ वही था, जो आज देश के प्रत्येक नागरिक के लिए भारत वर्ष है. महाराणा प्रताप ने कहा था कि मरते दम तक एक इंच जमीन नहीं देंगे. वही बात अाज का युवक भी कहता है कि हम भारत की अखंडता को अक्षुण बनाये रखेंगे.

चाहे इसके लिए कोई भी कुर्बानी क्यों न देनी पड़े. महाराणा प्रताप अमर हैं. उनका जीवन हमारे लिए शक्ति का स्त्रोत है. भारतीय एवं राष्ट्रवाद का प्रचारित करने वाला मंत्र है महाराणा प्रताप का जीवन. महाराणा प्रताप ने अपने स्वाभिमान की रक्षा के लिए भूखे रह कर भी राष्ट्र के लिए युद्ध किया. आज राष्ट्रीय भावनाओं का संदर्भ बदलता जा रहा है. आज भारतीयता पर प्रहार किया जा रहा है.

असहिष्णुता के नाम पर देश की मर्यादा पर कुठराघात हो रहा है. हमारी विशाल उदारता को चुनौती दी जा रही है. केवल भारत जिंदाबाद, भारत माता की जय कहने से काम नहीं बननेवाला. जब शरीर के रोम-रोम से भारत माता की जय निकलेगी, तब बात बनेगी. आज देश में बौद्धिक शुद्धिकरण की जरूरत है. ये बातें राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी ने राजस्थानी प्रचारिणी सभा और अखिल भारतीय क्षत्रिय समाज के संयुक्त तत्वावधान में कला मंदिर सभागार में आयोजित महाराणा प्रताप जयंती महोत्सव के अवसर पर कहीं. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आचार्य श्री महाश्रमण, प्रवास व्यवस्था समिति, कोलकाता के अध्यक्ष कमल दूगड़ थे. श्री दूगड़ ने कहा कि आज हम जिस स्तवंत्रता का उपभोग कर रहे हैं और आनंद ले रहे हैं, वह हमारे पुरखों के बलिदान का परिणाम है. महाराणा प्रताप ने पराधीनता को स्वीकार नहीं किया. वह एक व्यक्ति नहीं, विचार हैं.

स्वागत भाषण देते हुए राजस्थानी प्रचारिणी के अध्यक्ष रतन शाह ने कहा कि महाराणा प्रताप का शौर्य, त्याग, बलिदान आज हमारे लिए प्रेरणा का स्त्रोत है. कार्यक्रम का संचालन राजस्थानी प्रचारिणी सभा के उपाध्यक्ष प्रह्लाद राय गोयनका ने किया. धन्यवाद ज्ञापन अखिल भारतीय क्षत्रिय समाज के मुख्य संरक्षक जयप्रकाश सिंह की ओर से संस्था के संरक्षक पूर्व विधायक सुरेंद्र बहादुर सिंह ने किया. इस अवसर पर कवि सम्मेलन का भी आयोजन किया गया. इसमें डॉ राहुल अवस्थी (बरेली), डॉ विष्णु सक्सेना (अलीगढ़), योगेंद्र शुक्ल ‘सुमन’(कोलकाता), राजकिशोर सिंह (अमेठी), पद्ममिनी शर्मा (दिल्ली ) व डॉ गिरधर राय (कोलकाता) ने अपनी कविताओं से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया.

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