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तृणमूल की मददगार भाजपा : पायलट
कोलकाता: एक बार फिर भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के बीच सांठगांठ का आरोप लगाया गया है. इस बार आरोप के तीर कांग्रेस की ओर से लगाये गये हैं. चुनाव प्रचार के लिए महानगर में आये पूर्व केंद्रीय मंत्री व कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने गुरुवार को आरोप लगाया कि भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के बीच […]
कोलकाता: एक बार फिर भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के बीच सांठगांठ का आरोप लगाया गया है. इस बार आरोप के तीर कांग्रेस की ओर से लगाये गये हैं. चुनाव प्रचार के लिए महानगर में आये पूर्व केंद्रीय मंत्री व कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने गुरुवार को आरोप लगाया कि भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के बीच एक मौन सहमति है. बंगाल के विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस के विरोधी मतों का बिखराव कर उसे मदद करने के लिए भाजपा चुनाव लड़ रही है.
सचिन पायलट ने कहा कि भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के बीच एक मौन सहमति है, इसका अंदाजा सभी संसद के भीतर और बाहर की स्थिति देख कर लगा सकते हैं. चाहे नारदा स्टिंग ऑपरेशन या सारधा चिटफंड घोटाले की जांच की बात हो, सब कुछ धीमी गति से क्यों चल रहा है? क्या यह तृणमूल को मदद पहुंचाने की कोशिश के तहत नहीं हो रहा है? इसके बदले में तृणमूल कांग्रेस संसद के भीतर भाजपा की मदद कर रही है.
आरोप के अनुसार, बंगाल में भाजपा का कोई जनाधार नहीं है, लेकिन बंगाल चुनाव लड़ने की वजह महज तृणमूल कांग्रेस को फायदा पहुंचाने की कोशिश है. भाजपा अध्यक्ष अमित शाह द्वारा कथित तौर पर कांग्रेस और वामपंथी दलों पर अवसरवादी राजनीति करने के लगाये आरोपों को भी पायलट ने खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि यह निराधार है. पायलट ने दावा किया कि राज्य में लोकतंत्र की बहाली और अराजकता भरी स्थिति की समाप्ति के लिए ही सीट बंटवारे पर समझौैता किया गया. तृणमूल को सत्ता से हटाने के बाद ही राज्य का विकास होगा.
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