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सौरभ चौधरी हत्याकांड में आया अदालत का फैसला, आठ को सजा-ए-मौत

कोलकाता. उत्तर 24 परगना की बारासात जिला अदालत ने बामनगाछी के कॉलेज छात्र सौरभ चौधरी की हत्या के मामले में 12 दोषियों में से आठ को फांसी की सजा सुनायी जबकि एक दोषी को आजीवन कारावास व तीन अन्य को पांच-पांच वर्ष के सश्रम कारावास की सजा दी. बारासात जिला अदालत के सप्तम अतिरिक्त जिला […]

कोलकाता. उत्तर 24 परगना की बारासात जिला अदालत ने बामनगाछी के कॉलेज छात्र सौरभ चौधरी की हत्या के मामले में 12 दोषियों में से आठ को फांसी की सजा सुनायी जबकि एक दोषी को आजीवन कारावास व तीन अन्य को पांच-पांच वर्ष के सश्रम कारावास की सजा दी.

बारासात जिला अदालत के सप्तम अतिरिक्त जिला जज दमन प्रसाद विश्वास ने शुक्रवार को 12 आरोपियों को दोषी करार देते हुए मंगलवार तक सजा पर फैसला सुरक्षित रख लिया था. इनमें नौ लोगों के विरुद्ध हत्या, अपहरण और प्रमाण गायब करने का आरोप है, जबकि तीन के विरुद्ध हत्यारों को आश्रय देने का प्रमाण मिला है. कोर्ट ने अपहरण, तथ्य छिपाने और हथियार रखने के मामले में श्यामल कर्मकार को मुख्य आरोपी करार दिया था.

मंगलवार को जिला जज ने मामले के मुख्य दोषी श्यामल कर्मकार सहित आठ लोगों को फांसी की सजा सुनायी. फांसी की सजा पानेवालों में सुमन सरकार, अमल बारूई, तारक दास, तापस विश्वास, सुमन दास, सोमनाथ सरकार व रतन समाद्दार शामिल हैं. इनके साथ-साथ राकेश बर्मन को आजीवन कारावास की सजा सुनायी गयी. हत्यारों को आश्रय देने के आरोप में पली माइति, रतन दास व शिशिर मुखर्जी को पांच-पांच वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनायी गयी.

गौरतलब है कि शराब तथा जुआ का ठेका बंद कराने के लिए सौरभ ने आवाज उठायी थी, जिसकी वजह से 5 जुलाई, 2014 को उसे घर से ले जाकर बुरी तरह पीटा गया. हमलावर दत्तपुकुर और बामनगाछी रेलवे स्टेशन के बीच रेल लाइन पर उसके शरीर को रख कर वहां से फरार हो गये. इसके बाद उसका क्षत-विक्षत अवस्था में पाया गया. पुलिस ने शव के मात्र टुकड़े ही जब्त कर पायी. दत्तपुकुर थाना की पुलिस ने सितंबर, 2014 में कोर्ट में चार्जशीट दायर की. 15 दिनों में न्याय प्रक्रिया आरंभ हो गयी. घटना के बाद से फरार मुख्य आरोपी श्यामल कर्मकार वेश बदलकर तारापीठ में छिपा हुआ था. मामले में कोर्ट इसके पहले अनूप तालूकदार को बेकसूर करार दे चुकी है, जबकि मामले में अभी भी लिटन तालूकदार फरार है.
फैसले से खुश हैं परिवारवाले
अदालत का फैसला सुनने के बाद सौरभ चौधरी के बड़े भाई संदीप चौधरी ने कहा कि आज न्याय की जीत हुई है, लेकिन उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अभी तक उनके परिवार के लोगों के मन से डर दूर नहीं हुआ है. इस घटना के पीछे कुछ राजनीतिक दल के नेताओं का हाथ है, उनके खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए. इसके साथ ही संदीप चौधरी ने बामनगाछी में एक स्थायी पुलिस फाड़ी बनाने की मांग की.

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