* 30 को चिट फंड पर लगाम के लिए पेश होगा विधेयक
* राष्ट्रपति ने 2009 का विधेयक भेजा वापस
* राज्यपाल ने नये विधेयक के प्रारूप को दी मंजूरी
कोलकाता : सारधा सहित अन्य चिटफंड कंपनियों की धोखाधड़ी पर लगाम लगाने के लिए राज्य सरकार ने 29 अप्रैल को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की घोषणा की है. 30 अप्रैल को विधानसभा में नया विधेयक इंटरेस्ट ऑफ डिपॉजिटर्स इन फाइनेंशियल इस्टेब्लिशमेंट बिल, 2013 पेश किया जायेगा.
विधानसभा के सर्वदलीय बैठक के बाद विधानसभा के अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने यह घोषणा की. इसके पूर्व राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के विचाराधीन लंबित पड़ा वाममोरचा जमाने का विधेयक वेस्ट बंगाल प्रोटेक्शन ऑफ डिपॉजिटर्स इंटरेस्ट इन फाइनेंशियल इंस्टीटय़ूशन बिल, 2009 राज्यपाल को वापस कर दिया. उसके बाद दोपहर एक बजे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, वित्त मंत्री अमित मित्र, कानून मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य के साथ राजभवन गये और नये विधेयक का प्रारूप राज्यपाल एमके नारायण को सौंपा.
राज्यपाल ने नये विधेयक के प्रारूप पर हस्ताक्षर कर दिया. बाद में टाउन हॉल में मा,माटी, मानुष सरकार के दो वर्षो के कामकाज की समीक्षा करने के बाद टाउनहॉल में संवाददाताओं को बताया कि 35 वर्षो के माकपा शासन में राज्य की अर्थव्यवस्था माकपा ने ध्वस्त कर दिया है.
80 के दशक में संचयिता जैसे चिटफंड का घोटाला हुआ था, लेकिन पूर्व सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की थी और न ही जमाकर्ताओं की राशि ही वापस करवायी थी. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार चिटफंड कंपनियों पर कार्रवाई करना चाहती है. इसी कारण 48 घंटे के भीतर सारधा समूह के मालिक को गिरफ्तार किया गया. आयोग का गठन किया गया है. आयोग ने अपना काम शुरू कर दिया है. राज्यपाल ने भी नये विधेयक के प्रारूप पर हस्ताक्षर कर दिया है.
विधानसभा में पारित होने के बाद राज्यपाल का हस्ताक्षर होगा. राज्यपाल सात दिनों के लिए बाहर जा रहे हैं. वहां से लौटते ही पांच मई को राज्यपाल का हस्ताक्षर होगा. इस बीच वित्त मंत्री अमित मित्र व मुख्य सचिव संजय मित्र दिल्ली चले जायेंगे.
राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद यह विधेयक कानून बन जायेगा. उन्होंने कहा कि इस कानून के बनने के बाद सारधा सहित अन्य चिटफंड कंपनियों की संपत्ति जब्त की जा सकेगी. उन्होंने इस बीच आयोग में शिकायतें जमा होंगी. उस आधार पर सूची बनायी जायेगी. जिन लोगों की राशि हड़प ली गयी है. उन्हें लौटाया जायेगा और सरकार की ओर से गठित 500 करोड़ रुपये के कोष से मदद दी जायेगी.