21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

कार्रवाई: कोल इंडिया की कोयला खदानों के ठेका श्रमिकों का मामला कोर्ट में पहुंचा, मंत्रालय, सीआइएल से जवाब तलब

आसनसोल: ऑल इंडिया कोल वर्कर्स फेडरेशन (सीटू) की याचिका पर सुनवाई करते हुए नयी दिल्ली हाइकोर्ट ने भारत सरकार के कोयला मंत्रलय, सीआइएल व उसकी अनुषांगिक कोयला कंपनियों तथा खान सुरक्षा महानिदेशालय को नोटिस जारी कर फेडरेशन की विभिन्न मांगों के मुद्दे पर स्पष्टीकरण मांगा है. कोर्ट ने कहा है कि इन मांगों पर पहल […]

आसनसोल: ऑल इंडिया कोल वर्कर्स फेडरेशन (सीटू) की याचिका पर सुनवाई करते हुए नयी दिल्ली हाइकोर्ट ने भारत सरकार के कोयला मंत्रलय, सीआइएल व उसकी अनुषांगिक कोयला कंपनियों तथा खान सुरक्षा महानिदेशालय को नोटिस जारी कर फेडरेशन की विभिन्न मांगों के मुद्दे पर स्पष्टीकरण मांगा है. कोर्ट ने कहा है कि इन मांगों पर पहल क्यों नहीं की गयी?
फेडरेशन के उपाध्यक्ष विवेक चौधरी ने कहा कि फेडरेशन की मुख्य मांगों में कोल माइंस (स्पेशल प्रोविजन) एक्ट, 2015 को रद्द करने, कोयला खदानों में कार्यरत ठेका श्रमिकों की सुरक्षा के लिए सटीक योजना बनाने तथा आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराने, सीआइएल की कोयला खदानों में कार्यरत ठेका श्रमिकों की संख्या का आकलन करने, पांच वर्ष या उससे अधिक समय से स्थायी प्रवृत्ति के कार्य में लगे ठेका श्रमिकों को स्थायी करने के लिए योजना लागू करने, ठेका श्रमिकों की मजदूरी व उनकी सुविधाओं से जुड़ी हाइ पावर कमेटी की अनुशंसाओं व एनसीडब्ल्यूए -नौ की अनुशंसाओं को पूर्ण रूप से लागू करने, कांट्रेक्ट लेबर (रेगुलेशन एंड एबोलिशन) सेंट्रल रूल, 1971 के अनुसार ठेका श्रमिकों की मजदूरी, छुट्टी, कार्यावधि से जुड़े मुद्दों को लेकर नया कानून बनाने तथा कानून बनने तक कोल इंडिया प्रबंधन के स्तर से 18 फरवरी, 2013 को जारी आदेश को लागू करने की मांग शामिल है.

सनद रहे कि विनिवेश, आउटसोर्सिंग रोकने तथा ठेका श्रमिकों से संबंधित उपरोक्त मुद्दों को लेकर व्यापक अभियान और आंदोलन चलाया है. फरवरी, 2015 में ठेका श्रमिकों की मांगों को लेकर पार्लियामेंट मार्च का भी आयोजन किया गया था. फेडरेशन अपने स्तर से तथा अन्य केंद्रीय यूनियनों के साथ संयुक्त रूप से भी इन मुद्दों पर आंदोलन चला रहा है. उन्होंने कहा कि कोयला खदानों में ठेका की प्रक्रिया बढ़ने के कारण कुछ वर्षों में ठेका श्रमिकों के साथ होनेवाली दुर्घटनाओं में एकबारगी 23 फीसदी से 36 फीसदी की वृद्धि हुई है. यही स्थिति रही, तो निजी मालिकों के दौर की स्थिति फिर से आ जायेगी. उन्होंने कहा कि सरकारी नीति की विफलता के कारण ही कोयले का आयात देश में बढ़ रहा है.

उन्होंने कहा कि इन मुद्दों को लेकर फेडरेशन ने नयी दिल्ली हाइकोर्ट में याचिका दायर की थी. कोर्ट के दो सदसीय डिविजन बेंच ने कोल मंत्रलय तथा कोल इंडिया चेयरमैन को कारण बताओ नोटिस जारी किया.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें