लालगढ़/कोलकाता. तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो व मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने चुनाव आयोग द्वारा उठाये गये सख्त कदमों की ओर से इशारे करते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल में सेंट्रल फोर्स कुछ दिनों की मेहमान है. विधानसभा चुनाव खत्म होते ही केंद्रीय बल के जवान यहां से चले जायेंगे. उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से भयभीत नहीं होने व लोगों के समर्थन से विधानसभा चुनाव के लिए काम करने काे कहा. सुश्री बनर्जी ने कभी माओवादी हिंसा से प्रभावित इलाके लालगढ़ के जंगलमहल में होनेवाले चुनाव के लिए प्रचार की शुरुआत करते हुए कहा : यदि बाहर से कोई आता है, तो भयभीत न हों. वे तीन दिनों में वापस चले जायेंगे.
आम लोगों के समर्थन से अपना काम करते रहें. अंत में उन्हीं लोगों को इलाके में रहना है. उन्होंने तृणमूल कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ाते हुए कहा : मैं मर नहीं गयी हूं. मैं हमेशा लड़ाई करूंगी. तृणमूल कांग्रेस का मतलब सिर उठा कर जीना है. यदि लोग अच्छे रहते हैं, तो हमें भी अच्छा लगता है.
ममता बनर्जी ने माकपा पर उनके बारे में अपवाह फैलाने का आरोप लगाते हुए कहा कि 34 वर्षों के वाममोरचा शासनकाल में 55,000 राजनीतिक हत्याएं हुईं. माकपा द्वारा तृणमूल कार्यकर्ताओं की हत्या की जाती थी, लेकिन बंगाल में राजनीतिक प्रतिशोध की कोई जगह नहीं है. उन्होंने कहा कि वाममोरचा के शासन में माओवादी इलाके में 400 हत्याएं हुईं, लेकिन भगवान का शुक्र है कि पिछले साढ़े चार वर्ष में एक भी हत्या नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि हमारे कार्यकर्ता माकपा, कांग्रेस और भाजपा की गंदी राजनीति से डरे नहीं.
ये आपस में मिल कर भी उन्हें पराजित नहीं कर पायेंगे. विरोधी आपस में मिल कर उनके खिलाफ अफवाह फैला रहे हैं, लेकिन वे सफल नहीं होंगे. आम लोग उनके साथ हैं. उन्होंने विरोधी दलों को चुनौती देते हुए कहा कि वे राजनीतिक रूप से उनका मुकाबला करें, नहीं तो उनकी गंदगी राजनीति ही उनका नाश करेगी. चार अप्रैल को चुनाव के दौरान आम लोग विरोधी दलों को मुंहतोड़ जवाब देंगे. उन्होंने कहा कि उनके शासनकाल में जंगलमहल में शांति लौट आयी है, जो वाममोरचा के शासनकाल में युद्ध क्षेत्र के रूप में बदल गया था. उन्होंने कहा : मैं जंगलमहल से प्यार करती हूं. मैं इलाके में विकास करना पसंद करती हूं. लोगों का कल्याण करना पसंद करती हूं. मेरी सरकार ने ही माओवादियों को समाज की मुख्यधारा में लाने का काम किया.