परंतु जल स्तर नीचे चले जाने के कारण दो दिनों से पावर प्लांट के सभी यूनिटें बंद हो गयी हैं.गौरतलब है कि 1991-92 में भारत-बांग्लादेश के बीच पानी का समझौता हुआ था. इसके तहत प्रतिदिन बांग्लादेश को 35 हजार क्यूसेक पानी दिया जाता है. बांग्लादेश को पानी दिये जाने के कारण ही पानी की कमी हुई. अगर बांग्लादेश को पानी देना बंद कर दिया जाये तो पुन: थर्मल पावर प्लांट चालू हो सकता है.
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फरक्का : एनटीपीसी की छह उत्पादन इकाइयां बंद
कोलकाता. गंगा नदी का जल स्तर पूरी तरह नीचे चले जाने के कारण फरक्का में नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन (एनटीपीसी) की छह यूनिट ठप हो गयी हैं. इनसे प्रतिदिन 2100 मेगावाट बिजली का उत्पादन होता था. इससे प्रतिदिन 38-40 लाख रुपये सरकार को राजस्व की प्राप्ति होती थी. परंतु जल स्तर नीचे चले जाने के […]
कोलकाता. गंगा नदी का जल स्तर पूरी तरह नीचे चले जाने के कारण फरक्का में नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन (एनटीपीसी) की छह यूनिट ठप हो गयी हैं. इनसे प्रतिदिन 2100 मेगावाट बिजली का उत्पादन होता था. इससे प्रतिदिन 38-40 लाख रुपये सरकार को राजस्व की प्राप्ति होती थी.
फरक्का बैरेज के महाप्रबंधक एसके हलदार ने बताया कि वर्तमान में 50 हजार क्यूसेक पानी गंगा में है. इसमें 11 से 20 मार्च तक 35 हजार क्यूसेक पानी बांग्लादेश को दिया जाना है. वहीं मामले को लेकर एनटीपीसी के जनसंपर्क प्रबंधक शैवाल घोष ने बताया कि पानी की कमी के कारण एनटीपीसी की सभी यूनिटें बंद पड़ी हैं. इस कारण विद्युत का उत्पादन नहीं हो रहा है.
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