चुनाव की घोषणा होने के बाद भाजपा ने पहाड़ पर अपने सहयोगी गोजमुमो से एक सीट देने का दावा तो ठोक दिया,लेकिन सीट मिली या नहीं या कौन चुनाव लड़ेगा,इसकी घोषणा तक नहीं की गयी़ इसबीच,दार्जिलिंग से तृणमूल उम्मीदवार शारदा राइ सुब्बा,कर्सियांग से शांता छेत्री और कालिम्पोंग से हर्क बहादुर छेत्री चुनाव प्रचार में जुट गए हैं. सोमवार से यहलोग चुनाव प्रचार कर रहे हैं. एक तरह से कहा जाय तो सिर्फ इन्हीं लोगों के चुनाव प्रचार की वजह से लग रहा है कि पहाड़ पर चुनाव है़ अन्य दलों ने पूरी तरह से खामोशी बरत ली है़ राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार पहाड़ पर मुख्य मुकाबला विमल गुरूंग के नेतृत्व वाली गोजमुमो और तृणतूल के बीच ही होने की संभावना है़ अंत में तृणमूल विरोधी सभी दल एक हो जायेंगे और गोजमुमो उम्मीदवारों का ही समर्थन करेंगे़ इसी वजह से सभी पहले आप तो पहले आप की रणनीति अपनाए हुए हैं.
उनका मुख्य लक्ष्य तृणमूल कांग्रेस को अधिक से अधिक नुकसान पहुंचाना है़ इसी वजह से वह देखो और इंतजार करो की रणनीति पर चल रहे हैं. वह सिर्फ पहाड़ की तीनों सीटों पर ही नहीं बल्कि तराइ-डुवार्स में अपने प्रभाव वाली कुछ अन्य सीटों पर भी तृणमूल उम्मीदवारों को दबोचना चाहते हैं. इसबीच गोजमुमो सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पार्टी के केंद्रीय कमेटी की एक बैठक सोलह मार्च को होने वाली है़ उसी बैठक में उम्मीदवारों के नाम पर फैसला हो जायेगा और संभव है कि उसी दिन इसकी घोषणा भी कर दी जायेगी़ पार्टी सूत्रों ने बताया कि उस दिन पहाड़ की तीनों विधानसभा सीटों के साथ ही डुवार्स के भी कुछ सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा की जा सकती है़ इसके अलावा उसी बैठक में चुनावी रणनीति पर भी विचार किया जायेगा़ इसबीच, विमल गुरूंग के उत्थान से पहले पहाड़ पर जिस गोरामुमो की तूती बोलती थी,उसने भी अबतक अपने उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है़ इस पार्टी ने तो अबतक चुनाव लड़ने को लेकर भी फैसला नहीं किया है़ विधानसभा चुनाव की तिथि घोषित होने से पहले जिस तरह से पार्टी के अध्यक्ष मन घीसिंग जन संपर्क अभियान पर निकले थे,उससे लगता था कि पार्टी ना केवल चुनाव लड़ेगी,बल्कि जीत के लिए पूरी ताकत भी झोकेगी़ पार्टी की अभी तक की गतिविधियों से तो ऐसा कुछ भी नहीं लग रहा है़ .
पार्टी के कन्वेनर एमजी सुब्बा का कहना है कि अभी पार्टी ने चुनाव लड़ने अथवा नहीं लड़ने पर कोइ फैसला नहीं किया है़ अगले सप्ताह पार्टी की बैठक होने वाली है और उसी मे विधानसभा चुनाव को लेकर विचार विमर्श किया जायेगा़ पहाड़ की एक राजनीतिक शक्ति डेमोक्रेटिक फ्रंट के भी चुनाव लड़ने को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है़ स्व मदन तामंग द्वारा गठित अखिल भारतीय गोरखा लीग की अगुवाइ में इस फ्रंट का गठन हुआ है़ इस फ्रंट के चुनाव नहीं लड़ने की स्थिति में तृणमूल को समर्थन करने की संभावना है़ गोजमुमो नेता विमल गुरूंग सहित पार्टी के कइ नेता मदन तामंग हत्याकांड में आरोपी हैं. फ्रंट ने अभी चुनाव पर कोइ फैसला नहीं लिया है़ पार्टी के एक वरिष्ठ नेता द्वारा दी गयी जानकारी के अनुसार फ्रंट की बैठक 12 मार्च को होगी़ उसमे ही चुनाव लड़ने अथवा नहीं लड़ने पर फैसला होगा़